पंकजः हमें अगला पत्र लिखा है रतन कुमार पौल जी ने। रतन जी रेडियो लिस्नर्स क्लब के सचिव यानी सेक्रेटरी हैं। और ये हमें पत्र लिखते हैं दौलतपुर, दक्षिण दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल से। रतन जी ने हमें एक समाचार भेजा है। ये लिखते हैं कि इन्होंने रेडियो लिस्नर्स क्लब की तरफ़ से 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस बहुत खुशी और उल्लास के साथ मनाया और साथ में 15 अगस्त के दिन इनके क्लब ने एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया था। लेकिन रतन जी ने विस्तार से अपने क्लब द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी के बारे में नहीं बताया नहीं तो ये बातें हम अपने बाकी के श्रोताओं को भी बताते।
चंद्रिमाः प्रदर्शनी के अलावा इन्होंने इस खास अवसर पर एक पत्रिका का प्रकाशन भी किया है। रतन जी अगर आप हमें अपनी प्रकाशित पत्रिका की एक प्रति भेज देते, तो उसे हम अपनी वेबसाइट और अपनी पत्रिका श्रोता वाटिका में ज़रूर छापते, और बाकी श्रोताओं को भी इसकी जानकारी ज़रूर देते। खैर ये पत्र हमें बहुत देरी से मिला है फिर भी हम दो महीने बात भी इस पत्र को अपने कार्यक्रम में शामिल कर रहे हैं।
पंकजः चंद्रिमा जी, रतन जी ने सीआरआई की तरफ से कुछ उपहार भेजने का आग्रह किया है, जिससे इनके उत्साह में और बढ़ोतरी होगी। तो रतन जी हम आपको और सभी श्रोताओं को यह बताते हैं कि सी.आर.आई. के उपहार भेजने में सख्त नियम होता है। हम अपनी इच्छा से इसे नहीं भेज सकते। हम केवल ऐसे श्रोताओं को उपहार भेज सकते हैं, जो सक्रिय रूप से हमारे कार्यक्रम में शामिल रहते हैं, या हमारे द्वारा आयोजित गतिविधियों में भाग लेते हैं, या सी.आर.आई. के प्रसार-प्रचार के लिये महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
चंद्रिमाः जी हां, पंकज जी, आपने बिल्कुल ठीक कहा। जैसे कुछ श्रोता क्लबों ने सी.आर.आई. के प्रसार-प्रचार के लिये अपने क्षेत्र में सार्थक गतिविधि आयोजित की, बाद में उन्होंने अपनी गतिविधि के बारे में हमें फ़ोटो या वीडियो या कुछ स्मारक आदि भेजे, और अपने पत्र में उन्होंने गतिविधि का ठोस परिचय भी दिया है। ऐसे श्रोता क्लबों को हम ज़रूर सी.आर.आई. के उपहार भेजेंगे। तो श्रोता दोस्तो, अगर आप भी सी.आर.आई. से उपहार पाना चाहते हैं, तो आप इस दिशा में कोशिश कीजिये। कोई न कोई दिन, आप को भी सी.आर.आई. की तरफ़ से उपहार ज़रूर मिलेंगे, जिससे आपका और हमारा रिश्ता और मज़बूत हो सके और भविष्य में भी हम ऐसे ही आपस में पत्रोचार कर सकें।
पंकजः चंद्रिमा जी, हमें अगला पत्र लिखा है राजेन्द्र बरिहा जी ने और ये पत्र इन्होंने लिखा है पोस्ट ऑफिस सुकुदा, ग्राम भटली, जिला बंगारह उड़ीसा से। ये लिखते हैं कि सी.आर.आई. की हिन्दी सेवा और प्रसारण श्रेष्ठतम है। इसके साथ ही राजेन्द्र जी लिखते हैं कि आज चीन एक प्रभावशाली और ताकतवर राष्ट्र बन गया है और चीन की विकसित छवि श्रोताओं के सामने लाने के लिये धन्यवाद। राजेन्द्र जी को हमारा कार्यक्रम चीन की झलक काफी अच्छा लगा। चीन की झलक कार्यक्रम में चीन की विकसित होती कृषि के बारे में जानकारी पाकर इन्हें बहुत अच्छा लगा। आधुनिक कृषि तकनीक के चलते चीन में सुगंधित चावल की खेती होती है और चावल की खेती में चीन ने बहुत तरक्की प्राप्त की है। इनका कहना है कि ये इस बात से बहुत प्रभावित हैं कि चीन में सभी लोगों को उच्चतम किस्म का सुगंधित चावल खाने को मिलता है और राजेन्द्र जी ने उस जगह का नाम भी लिखा है जहां पर उच्च कोटि के सुगंधित चावल का उत्पादन होता है। ये लिखते हैं कि हुबेई प्रांत के उछांग शहर में सबसे ज्यादा सुगंधित चावलों की खेती की जाती है। साथ ही लिखते हैं कि चीन का भौगोलिक वातावरण भी अच्छे उत्पाद में सहायक है।