चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। मित्रों हम एक बार फिर आपके सामने हैं आपका चहेता कार्यक्रम लेकर जिसका नाम है आपका पत्र मिला। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।
पंकजः और मैं हूं, पंकज श्रीवास्तव। इस कार्यक्रम में हम पढ़ते हैं अपने श्रोताओं के पत्र और जानते हैं उनकी शिकायतों के बारे में साथ ही उसे दूर करने की पूरी कोशिश करते हैं।
चंद्रिमाः इसके साथ ही हमारे कई श्रोता मित्र हमें कुछ सुझाव भी भेजते हैं, जिससे हमारे कार्यक्रम में निरंतर सुधार होता है और कार्यक्रम में श्रोताओं की दिलचस्पी भी बनी रहती है।
पंकजः चंद्रिमा जी, अब हम अपने कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं और देवब्रत कुमार जी का पत्र लेते हैं। देवब्रत जी ने हमें ये पत्र लिखा है बेतिया, पश्चिम चम्पारण बिहार से। देवब्रत जी लिखते हैं कि वो हमारी हिन्दी सेवा के कार्यक्रमों के दीवाने यानी फैन हैं। इन्हें हमारा कार्यक्रम सुनना बहुत अच्छा लगता है। तो देवब्रत जी हमारा कार्यक्रम सुनने के लिये और उसकी प्रशंसा करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
चंद्रिमाः आप श्रोताओं के प्यार और आदर के कारण ही हमारा कार्यक्रम इतना लोकप्रिय होता जा रहा है कि हमें रोज़ाना ढेरों पत्र मिलते हैं। आपको हम बताना चाहेंगे देवब्रत जी कि हमें सिर्फ भारत से ही पत्र नहीं मिलते हैं, बल्कि हमारे हिन्दी के श्रोता हमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और खाड़ी के देशों जैसे दुबई से भी पत्र भेजते रहते हैं। आप श्रोताओं के इतने प्यार और सम्मान के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
पंकजः चंद्रिमा जी देवब्रत जी आगे लिखते हैं कि उन्हें चीनी संस्कृति बहुत अच्छी लगती है और वो चीनी संस्कृति को काफी पसंद करते हैं साथ ही चीन में बौद्ध मंदिरों के बारे में भी ये काफी कुछ जानना चाहते हैं। देवब्रत जी कहते हैं कि इन्होंने हमारी पत्रिका में चीनी संस्कृति के बारे में पढ़ा और ढेर सारे चित्र देखे तभी से ये चीनी संस्कृति के फैन हो गए। मुझे लगता है कि देवब्रत जी हमारी हिन्दी की पत्रिका श्रोता वाटिका के बारे में बात कर रहे हैं। इन्होंने ये पत्रिका इन्हें भेजने की मांग भी की है।
चंद्रिमाः तो देवब्रत जी हम आपको ज़रूर श्रोता वाटिका पत्रिका भेजेंगे, जिससे आप चीन और चीनी संस्कृति के बारे में विस्तार से जान सकें। चीन में बौद्ध मंदिरों के बारे में जानने की उत्सुकता सुनकर मुझे एक बात की याद आ रही है। पिछले महीने में हमारी वेबसाइट पर तिब्बती बौद्धधर्म के प्रमुख मठ से जुड़ा एक ऑनलाइन खेल आयोजित किया गया। मालूम नहीं है कि आपने इस में भाग लिया है या नहीं। क्योंकि इसमें चीन के बौद्ध मंदिरों के बारे में बहुत जानकारियां दी गयी हैं। हालांकि अब यह ऑनलाइन खेल समाप्त हुआ है, पर कोई बात नहीं हम चीन का तिब्बत कार्यक्रम की उदघोषिका सपना जी को तिब्बती बौद्ध मंदिरों के बारे में ज्यादा कार्यक्रम बनाने का सुझाव देंगे।