चंद्रिमाः राजेन्द्र जी ने एक बहुत ही रोचक बात मोर के नृत्य के बारे में लिखी है। इन्होंने लिखा है कि ये जानकारी हमने अपने प्रसारण में दी थी उसे सुनकर ये बहुत खुश हुए। राजेन्द्र जी हम आपके आभारी हैं कि आपको हमारा ये खास कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा, जिसमें हमने मोर के नृत्य के बारे में जानकारी दी थी। आपको हम बता दें कि चीन के यूनान प्रांत में मोर पाये जाते हैं। इसके अलावा राजेन्द्र जी अगर आप भारत में राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में कभी जाएं तो वहां पर आपको मोर आम पक्षियों की तरह ही विचरण करते हुए दिखाई देंगे, और आप को मोर का नृत्य देखने में भी परेशानी नहीं होगी। अक्सर मोर नृत्य करते हुए दिखाई देते हैं। वैसे भी भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर ही है।
पंकजः साथ ही राजेन्द्र जी ने वनीता दीदी तो नमस्ते भेजा है। और लिखा है कि वनीता दीदी द्वारा पेश कार्यक्रम इन्हें सबसे सुमधुर लगता है। चीन के विकास के ऊपर ढेर सारे कार्यक्रम पेश किये जा रहे हैं ये कार्यक्रम इन्हें बहुत पसंद हैं। चंद्रिमा जी, राजेन्द्र जी ने हमसे कुछ सवाल भी पूछे हैं। ये पूछते हैं कि चीन में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साधन क्या हैं?और उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद लोगों को कैसी नौकरियां मिलती हैं?चंद्रिमा जी, कृपया आप इन का जवाब दीजिये।
चंद्रिमाः अच्छा, अब मैं राजेन्द्र जी के सवाल का जवाब दूंगी। चीन में हाई-स्कूल के बाद विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा पाने के लिये एक प्रवेश परीक्षा देनी पड़ेगी। अगर आप इस परीक्षा में अच्छा अंक प्राप्त करते हैं, तो आप अच्छे विश्वविद्यालय में प्रवेश कर सकते हैं, अगर अंक बहुत अच्छा नहीं है, तो साधारण विश्वविद्यालय या कुछ कॉलेज में पढ़ाई भी चल सकती है। और अगर आप का अंक बहुत कम है, तो शायद उच्च शिक्षा पाने का मौका भी कम होगा। इसलिये चीन में उच्च शिक्षा पाने का साधन है प्रवेश परीक्षा। और भारत की तरह उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद लोगों को भिन्न-भिन्न नौकरियां मिलती है। वह विद्यार्थियों की पढ़ाई का विषय और विद्यार्थियों का शौक आदि कारणों के आधार पर निश्चित होगा।
पंकजः वनीता दीदी के अलावा राजेन्द्र जी को वेईतुंग भाई द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम भी बहुत अच्छा लगता है। और उनकी रिपोर्ट में तथ्य बेहतरीन लगते हैं। साथ ही ये लिखते हैं कि वेईतुंग भाई के प्रयास के लिये धन्यवाद। कुछ और कार्यक्रम भी हैं जो राजेन्द्र जी को बहुत पसंद हैं, जैसे चीन का तिब्बत, श्रोताओं के पत्र, और आप की पसंद। राजेन्द्र जी ने ये सारी बातें लिखने के बाद अपने पत्र के अंत में लिखा है कि कृपया मेरे विचारों को अपने कार्यक्रम में शामिल करें और मेरे पत्र को पढ़ें। तो राजेन्द्र जी आज आपकी ये शिकायत भी दूर हो गई होगी। क्योंकि हमने आपका पूरा पत्र विस्तार से पढ़ा और आपके विचारों को अपने कार्यक्रम में पूरी जगह दी है। चंद्रिमा जी, हमारे पास अगला पत्र आया है नये राम मंदिर के पास बालाघाट मध्यप्रदेश से और इसे लिखने वाले हैं डॉक्टर प्रदीप मिश्रा जी। डॉक्टर साहब हमारे कार्यक्रम में आपका स्वागत है। चंद्रिमा जी, मैं आपको ये बता दूं कि ये मरीज़ों को देखने वाले व्यस्त डॉक्टर हैं और बालाघाट में नये राम मंदिर के पास मिश्रा औषधालय के नाम से अपना क्लीनिक चलाते हैं, और ये समय निकालकर रोज़ाना हमारा कार्यक्रम भी सुनते हैं और ये हमारे बहुत पुराने श्रोता हैं। चंद्रिमा जी लेकिन मिश्रा जी ने हमें ये नहीं बताया कि ये हमारे कितने पुराने श्रोता हैं साथ ही इन्होंने ये भी लिखा है कि समय के अभाव के चलते ये हमें बहुत कम पत्र लिख पाते हैं। और ये इस बात से नाराज़ हैं कि हमने इनका एक भी पत्र अपने कार्यक्रम में शामिल नहीं किया है।