विकासः मधुर गीत के बाद अब हम पत्र पढ़ने जारी रखते हैं। लखनऊ, उत्तर प्रदेश के युवा दर्पण यूथ क्लब के सचिव रवीन्द्र कुमार शुक्ल ने पत्र में कुछ सुन्दर बुकमार्क उपहार के रुप में हमें भेजे। इस के लिये आप का बहुत बहुत धन्यवाद। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि उन के क्लब के समस्त सदस्यों ने आशा व्यक्त की कि भारत व चीन के बीच परस्पर प्रेम, मित्रता व सहयोग के संबंधों का खूब विकास होगा। और दोनों देश परस्पर अपने समस्त मतभेद भुलाकर विकास व प्रगति के मार्ग पर साथ साथ चलेंगे।
चंद्रिमाः इस पत्र में उन्होंने एक चित्र भी बनाया है। चित्र में एक चक्र है, चक्र पर मित्रता, सहयोग, प्रेम व प्रगति शामिल हैं, और चक्र के अंदर चीन व भारत है। श्रोता दोस्तो, आप लोग ज़रूर इस चित्र का मतलब समझ सकते हैं। और आशा है कि युवा दर्पण यूथ क्लब की आशा जल्द ही अमल में आएगी।
विकासः इस के अलावा रवीन्द्र कुमार शुक्ल जी ने हमें एक कविता भी भेजी। नाम है अढ़भुत व मनमोहक चीन देश। अब मैं उन में से कुछ पंक्तियां चुनकर बोलूंगा। प्रकृति व मानव के अदभुत सामंजस्य वाले चीन देश, उज्जवल हो भविष्य तुम्हारा। बहुत ही खूबसूरत और मनमोहक है यह देश, लगता है हम सब को बहुत ही प्यारा। महान सभ्यता और संस्कृति का यह संगम, सरल और मैत्री भाव वाले लोगों का यह देश। अनेकों सुन्दर प्रांत, नदियां, पहाड़ों व जंगलों की मदद से, यहां प्रकृति बदलती रहती है, हर एक क्षण नया एक भेष। अच्छा, समय के अभाव से हम इसे नहीं पूरा कर सकेंगे। इतनी सुन्दर कविता लिखने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद, रवीन्द्र कुमार शुक्ल जी।
चंद्रिमाः अगला पत्र कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के पवन कुमार का है। उन्होंने अपने पत्र में यह लिखा है कि चाइना रेडियो इन्टरनेशनल हिन्दी विभाग के सभी आदरणीय सदस्यों को मेरी तरफ़ से सादर नमस्कार। आशा करते हैं कि आप खुश, स्वस्थ व प्रसन्न होंगे। मैं अपनी बीमारी की वजह से आप को अक्सर पत्र नहीं लिख पाता हूं, परन्तु आप मुझे लगातार सामग्री भेजते रहे। इस के लिये मैं आप का आभारी हूं। आप के द्वारा भेजी गई श्रोता वाटिका सभी अंकों में लेख तो बहुत ही ज्ञानवर्धक हैं, और श्रोता की राय, फोटो, लेख आदि अच्छे थे। परन्तु बहुत ढ़ूढ़ने पर भी मुझे उस में फ़्रीक्वेन्ज़ी लिस्ट व कार्यक्रम सूची नज़र में नहीं आई। मुझे बहुत परेशानी हुई, यदि कोई नये श्रोता को श्रोता वाटिका कहीं से मिल जायें, तो वह कैसे श्रोता बने ? कृपया बताएं, और इस पर ध्यान दें।
विकासः पवन कुमार जी, सब से पहले आप को राय देने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। पर श्रोता वाटिका में ज्यादा नये विषय शामिल करने के लिये हम बारी बारी हिन्दी कार्यक्रम की समय सारणी व कार्यक्रम सूची प्रकाशित नहीं कर सकते। पर चिंता मत कीजिये। शायद आपने इस पत्रिका में हमारी वेबसाइट व ई-मेल का पता भी देखा है। जब आप श्रोता वाटिका द्वारा नये श्रोताओं से हमारे कार्यक्रम का परिचय देते हैं, तो आप उन्हें हमारी वेबसाइट को पढ़ने का सुझाव भी दीजिये। क्योंकि इस पर समय सारणी व कार्यक्रम सूची तथा रंगारंग रिपोर्ट शामिल होते हैं।
चंद्रिमाः हाल ही में हमारे बहुत श्रोताओं ने हमें कविता भेजा है। अब मेरे हाथ में और एक पत्र है, जिस में कविता शामिल है। गुंटुर, आंध्र प्रदेश के हमारे श्रोता मो. गफूर की कविता ऐसी हैः सफर में हम सफर है रेडियो चीन। खबरों की खबर रखता है रेडियो चीन। मालुमाल का खजाना है रेडियो चीन। मानवता का पाठ पढ़ाता है रेडियो चीन। चाहे हो बौद्ध, ईसाई, हिन्दू या मुसलमान, दिलों से नफ़रत मिटाता है रेडियो चीन। सपनों का सागर है रेडियो चीन। सब को एक तरंग में बांधता है रेडियो चीन। सारे जहां के रेडियो की अकेली है ये शान। मो.गफूर जी, आप को हमारे रेडियो की इतनी ऊंची प्रशंसा के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।