चंद्रिमाः चंपारण बिहार के रंजन श्रोता संघ के अध्यक्ष राजीव रंजन ने हमें भेजे ई-मेल में यह लिखा है कि नमस्कार, मैं आप का नियमित श्रोता हूं। मैं आप का कार्यक्रम सुनता हूं। और आप के द्वारा भेजा सामग्री मिला, बहुत अच्छा लगा। आशा करता हूं कि आप हमारे साथ ऐसा ही साथ बनाये रहियेगा। रंजन जी, हम हमेशा आप लोगों के साथ हैं। और आप का ई-मेल पढ़कर हम बहुत खुश हैं।
विकासः अब बारी है एक बंगला देश के श्रोता की। राजशाही बंगला देश के दिगदर्शन रेडियो क्लब के अध्यक्ष फैजल अहमद ने हमें भेजे ई-मेल में यह लिखा है कि मैं सी.आर.आई. हिन्दी सेवा का एक नियमित श्रोता हूं। मेरे ख्याल से आप के कार्यक्रम बहुत विस्तृत, ज्ञानवर्धक व मनोरंजक हैं, जो मुझे बहुत पसंद है। खास तौर पर चीन की संस्कृति व इतिहास से जुड़े कार्यक्रम, मैं और मेरे कल्ब के सभी सदस्य बड़े चाव से सुनते हैं। सी.आर.आई. मेरा पसंदीदा रेडियो स्टेशन है।
चंद्रिमाः साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि मैं हमेशा आप की वेबसाइट को पढ़ता हूं। सी.आर.आई. की हिन्दी वेबसाइट बहुत ज्ञानवर्धक है। वेब पर कार्यक्रम भी साफ़ साफ़ सुनाई दी जा सकती है। रेडियो कार्यक्रम की तरह आप की वेबसाइट भी बहुत रंगारंग है। इतना अच्छा काम करने के लिये मैं सी.आर.आई. हिन्दी विभाग के सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हैं। आप को भी बहुत बहुत धन्यवाद अहमद जी। हम ज़रूर अपने श्रोताओं के लिये अच्छे से अच्छे कार्यक्रम बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
विकासः मेरे पास और एक पत्र है, जो बंगला देश से आया है। नवगांव बांग्लादेश के सोर्स ऑफ नोलेज कल्ब के अध्यक्ष खोंडाकर रफिकुल इसलाम ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि मैं एक श्रोता कल्ब का अध्यक्ष हूं। मेरे कल्ब की स्थापना 1 जनवरी 2000 में हुई। मेरे कल्ब में कुल 325 सदस्य हैं। सभी सदस्य आप के कार्यक्रम को बहुत पसंद करते हैं। और हम अक्सर आप की वेबसाइट को पढ़ते हैं। मैं चीनी जनता व चीन को प्यार करता हूं। जब मैं आप की वेबसाइट को पढ़ता हूं, तो जैसे मैं सीधे से चीन को देख पाता हूं। मैं भगवान से हिन्दी विभाग के उज्जवल भविष्य के लिये प्रार्थना करता हूं। कृपया आप हमारे कल्ब को मेल लिस्ट में शामिल करें, और नियमित रुप से हमें सामग्री भेजें।
चंद्रिमाः इसलाम साहब, आप की बातें सुनकर हम बहुत खुश हैं। आशा है हमारे बीच मित्रता दिन-ब-दिन घनिष्ठ हो सकेगी। और हम ज़रूर आप की इच्छा पूरी करेंगे। अब हम पढ़ेंगे पश्चिम बंगाल के ऑल इंडिया सी.आर.आई. लिस्नर्स असोसिएशन के अध्यक्ष बिधान चंद्र सान्याल का पत्र। इस में उन्होंने लिखा है कि पिछले 15 जून को हमने दक्षिण एशिया फ़ोकस सुना और अच्छा लगा। भारत-पाक सियाचिन वार्ता शिर्षक उस प्रोग्राम में ब्रजेश जी के साथ पंकज जी की जो चर्चा हुई, वह बहुत महत्वपूर्ण लगा, और सामयिक घटना पर उस चर्चा के लिये सी.आर.आई. हिन्दी विभाग को बहुत बहुत धन्यवाद। बिधान चंद्र सान्याल जी, धन्यवाद की ज़रूरत नहीं है, श्रोताओं के ध्यान केंद्रित विषय पर कार्यक्रम बनाना यह हमारा कर्तव्य है।