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शादी की मुबारकबाद
2012-07-06 09:33:16

विकासः चंद्रिमा जी, क्या आप को याद है कि पिछले महिने के एक कार्यक्रम में हमने श्रोताओं को एक खुशी की खबर दी कि नयी दिल्ली में स्थित हमारे श्रोता अमीर अहमद भाई पापा बन गये।

चंद्रिमाः जी हां, अच्छी तरह याद है। जब हमने अमीर भाई के बेटे की फोटो अपनी वेबसाइट पर डाला तो कई श्रोताओं ने पत्र या ई-मेल द्वारा अमीर को बधाई दी। जैसेः केसिंगा ओड़िसा के हमारे श्रोता सुरेश अग्रवाल ने कहा कि "आपका पत्र मिला" के मंच से यह जान कर अच्छा लगा कि दिल्ली के भाई आमिर अहमद पिता बन गये, उन्हें हमारी हार्दिक बधाई और नवजात बालक को हमारा आशीर्वाद एवं प्यार। आमीर भाई ने सीआरआई के माध्यम से अपनी ख़ुशी को तमाम श्रोताओं के साथ बांटा, जिसके लिए हम उनके आभारी हैं।

विकासः और पश्चिम बंगाल के न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष रविशंकर बसु जी ने भी अपने पत्र में अमीर भाई को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा है कि पिछले 30 मई बुधवार को आपका पत्र मिला कार्यक्रम में एक बहुत ख़ुशी का सन्देश मुझे मिला। जब विकास जी ने हम लोगों को बताया कि अमीर रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष अमीर अहमद पापा बन गये हैं, तब मुझे बहुत खुशी हुई। क्योंकि सी.आर.आई का श्रोता परिवार में एक भविष्य का श्रोता जन्म लिया। मैं अमीर जी के बेटे को दीर्घायु एवं शुभकामना देता हूँ।

चंद्रिमाः विश्वास है कि अमीर भाई यह सुनकर ज़रूर खुश होंगे। और आशा है ज्यादा से ज्यादा श्रोता हमारे कार्यक्रम द्वारा अपनी खुशी अन्य लोगों से बांट सकेंगे। क्योंकि हमारा आप का पत्र मिला कार्यक्रम न सिर्फ़ श्रोता व सी.आर.आई. के बीच आदान-प्रदान का एक तरीका है, बल्कि श्रोताओं के बीच आदान-प्रदान का एक मंच भी है।

विकासः हमारे प्यारे श्रोता रविशंकर बसु व उन के साथी देवशंकर चक्रवर्त्ती ने हमें यह सूचना भी दी कि गत 8 अप्रैल 2012 को जब वे लोग पश्चिम बंगाल के हुगली जिला की हरिपाल थाना के हड़ा गांव में सी.आर.आई. की हिन्दी विभाग के नाम पर रक्तदान शिविर आयोजन कर रहे थे, तब उनके पास एक आदमी अपनी बेटी की शादी के लिये आर्थिक मदद मांगी थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर सी.आर.आई. की तरफ़ से भी कुछ मदद मिलता, तो मेहरबानी होता। तब हम ने कहा कि सी.आर.आई. की तरफ़ से ऐसा कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिलता। परन्तु आप जब हमारे पास आए ही, तो हम लोग अपनी कल्ब की ओर से मदद करने की कोशिश करेंगे।

चंद्रिमाः रविशंकर बसु जी ने आगे लिखा है कि कुछ दिन बाद मैं अपने कुछ रुपये के साथ ही अपने छात्रों-छात्रायों की मदद से और साथ ही देवशंकर चक्रवर्त्ती की मदद से 5 हजार रुपया इकट्ठा किया, और श्री लक्ष्मीकांत दास जी को यह रकम भेंट किया। साथ ही मैं और देवशंकर चक्रवर्त्ती जी शादी के दिन सी.आर.आई. के हिन्दी विभाग के नाम पर साड़ी मनीषा दास जी को उपहार दिया। मैं आशा करता हूं कि आप लोग दूर से ही मणीषा जी को शादी की मुबारक व आशिर्वाद दीजियेगा। और मैं बड़ी दुख के साथ बताना चाहता हूं कि भारत में अभी भी दहेज प्रथा रिवाज है। कृप्या करके आप लोग इस सामाजिक व्याधि के उपर कुछ कार्यक्रम प्रचारित कीजियेगा। 

विकासः रविशंकर बसु जी, संयोग की बात है कि 13 जून के आप की आवाज़ ऑन लाइन कार्यक्रम में हमने अभी अभी शादी किये एक श्रोता से बातचीत की, और भारत के दहेज प्रथा के कुप्रभाव पर प्रकाश डाला। और यहां हम फिर एक बार सभी श्रोताओं से यह आह्वान करते हैं कि दहेज प्रथा छोड़ दो, शादी में सच्चे दिल का प्रेम सब से महत्वपूर्ण व मूल्यवान् चीज़ है, दहेज नहीं। आशा है ज्यादा से ज्यादा भारतीय लोग जगकर हमारे समर्थक बन सकेंगे।

चंद्रिमाः रविशंकर बसु व देवशंकर चक्रवर्त्ती जी के अनुरोध पर अब हम श्री लक्ष्मीकांत दास जी की बेटी मनीषा दास को शुभकामनाएं देते हैं कि न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स कल्ब द्वारा भेंट की गयी साड़ी पहनकर आप ज़रूर विश्व में सब से सुन्दर दुल्हन बन सकेंगी। और आशा है कि शादी के बाद आप तथा आप के पति सुखमय जीवन बिता सकेंगे। शुभकामना के साथ हम आप लोगों को एक मधुर गीत भी पेश करेंगे। गीत के बोल हैं आज तुम मुझ से शादी करोगी। चीन में शादी करते समय बहुत दुलहन व दुल्हा यह गीत बजाना पसंद करते हैं। इस गीत में शादी की मधुरता भरी हुई है। अब लीजिये सुनिये यह गीत।

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