चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, आपका पत्र मिला कार्यक्रम में मैं चंद्रिमा आप सभी का हार्दिक स्वागत करती हूं।
विकासः आप सभी को विकास का भी नमस्कार। दोस्तो, भारत में गर्मी अपने पूरे परवान पर है। चीन में भी गर्मी का असर दिखाई पड़ रहा है। लेकिन यहां किसी प्रांत में गर्मी है तो किसी प्रांत में तापमान इतना कम कि पता ही नहीं चलता है इसे गर्मी कहें या सर्दी। हमारे कुछ श्रोताओं ने भारत में पड़ रही भीषण गर्मी के बावजूद हमें पत्र लिखना नहीं भूला है।
चंद्रिमाः जी हां विकास जी, इसी के साथ हम पत्र पढ़ना शुरू करते हैं। आज का पहला पत्र समस्तीपुर बिहार से रूपा चटर्जी का है। उनका कहना है कि सी आर आई के कार्यक्रम मनोरंजक होने के साथ-साथ ज्ञानवर्द्धक भी होते हैं। रेडियो पत्रिका श्रोता वाटिका नई जानकारियां देता है। आगे उन्होंने लिखा है कि वे अपने शहर में इंटरनेशनल फ्रेण्डस क्लब की स्थापना करने जा रही हैं।
विकासः जी हां, साथ ही उन्होंने हमें कुछ सुझाव भी दिया है, उनका कहना है कि श्रोता वाटिका में पृष्ठों की संख्या बढ़ायी जाए और कुछ भारतीय साहित्य के लेख भी शामिल किए जाएं। रूपा जी आपका यह सुझाव बिल्कुल उचित है। हम श्रोता वाटिका के पृष्ठों की संख्या बढ़ाने की जरूर कोशिश करेंगे। साथ ही हम अपने श्रोताओं से भी अनुरोध करते हैं कि आप अपनी रचना चाहे वह कविता हो या कहानी हमें भेजें और हम उसे अपनी श्रोता वाटिका में अवश्य जगह देंगे। यहां पर मैं श्रोताओं को एक सुझाव भी देना चाहता हूं कि रचना मौलिक होनी चाहिए। आपकी रचना किसी और पत्रिका से नहीं होना चाहिए। रूपा जी हम आपके हमारे कार्यक्रम का समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं और आशा करते हैं कि आगे भी हमारे प्रति आपका समर्थन जारी रहेगा।
चंद्रिमाः अगला पत्र रांची झारखंड से सुकरा हेमरोम का है। उनका यह पत्र काफी देर से हमारे पास पहुंचा है। पत्र में सबसे पहले तो उन्होंने हिंदी परिवार के सभी सदस्यों को नमहाओ और नि हाओ कहा है। आगे उन्होंने लिखा है कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम में विकास जी के द्वारा चियांग शी प्रांत की सुंदरता से परिचय कराया गया। इस कार्यक्रम में यह पता चला कि चीन में पुराने समय में पत्थरों को जोड़ने के लिए शहद का प्रयोग किया जाता था। साथ ही लिखा है कि चीन का तिब्बत कार्यक्रम में वन छंग राजकुमारी की शादी के बारे में बहुत रोचक जानकारी दी गयी। हेमरोम जी कार्यक्रम सुनने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आशा है आप इसी तरह हमारे कार्यक्रमों के बारे में अपने सुझाव और राय देते रहेंगे।