दोस्तो, वर्ष 1958 में छाईतान चोमा ने शांगहाई संगीत कॉलेज की जातीय कक्षा में प्रवेश किया, उन के अध्यापक मशहूर प्रोफैसर वांग फिंगसू थे। संगीत कॉलेज में छाईतान चोमा के गीत गाने का स्तर उन्नत होता गया, उन्होंने पश्चिमी गीत गाने का तरीका सीख कर अपनी जातीय विशेषता भी बनाए रखी। इसी कारण छाईतान चोमा को तिब्बती लोग पसंद करते हैं।
अब आप सुनिए छाइतान चोमा द्वारा गाया गया तिब्बती लोकगीत, नाम है《इमाच्याचीज़ोंग》, जिस में गायिका के जन्मस्थान की सुन्दरता का वर्णन किया गया है। गीत के बोल हैं:
मेरे जन्मस्थान की पहाड़ी घाटी से
बहती रही है मीठे पानी की नदी
कहां तक पहुंचाती है वह
अच्छी फ़सल प्राप्त करता है वहां
छाईतान चोमा सच्ची भावना के साथ गाती हैं। उनकी आवाज़ शुद्ध ही नहीं, मीठी भी है, जिसका जातीय शैली व रंग उल्लेखनीय है। वे न सिर्फ़ तिब्बती गीत गाती हैं, बल्कि चीनी हान भाषा वाले गीत भी अच्छी तरह गा सकती हैं। अब आप सुनिए तिब्बती गायिका छाईतान चोमा द्वारा गाया गया मशहूर चीनी हान जातीय गीत《चमेली फूल》। गीत के बोल इस तरह हैं:
बहुत सुन्दर है चमेली फूल
खिलते हैं पेड़ पर
सफ़ेद ही नहीं चमेली के फूल
सुगंधित भी होते हैं
मैं तुम्हें तोड़ना चाहती हूँ
दे दूंगी अपने प्रेमी को