पर्यावरण संरक्षण कक्षा के अलावा स्कूल अकसर विद्यार्थियों को सानच्यांग युआन की नदियों में छोड़े गए कचरों को इक्ट्ठा करने के लिए गठित करता है, इस प्रकार की कक्षा से विद्यार्थी सानच्यांग युआन की पारिस्थितिकी संरक्षण का महत्व समझ सकते हैं। एक बार कक्षा में पढ़ते समय स्कूल से रवाना होने के वक्त अध्यापिका निमा त्सोमाओ ने अपने शिष्यों से कहा:
"छात्रों, हमारी मां का दूध और मानव का रक्त पानी से आता है, घास के मैदान में सभी जीवों के शरीर में पानी भी बहता है। क्या आप लोग अपने रक्त में कचरा चाहते हैं?"
शिक्षकों की कथनी और करनी से विद्यार्थियों पर गहरी छाप पड़ी है। युशू कांउटी के दूसरे प्राइमरी स्कूल के पांचवें ग्रेड की छात्रा रनछिंग लाचङ ने भविष्य को अपना सपना बताते हुए कहा:
"बाद में मैं एक अध्यापिका बनना चाहती हूं। उस समय मैं अपने छात्रों को बताना चाहूंगी कि हमारे यहां चीनी राष्ट्र की मां समान नदियों का उद्गम स्थल है। देश भर के अधिकांश लोग यहां से उद्गम होने वाली नदियों का पानी पीते हैं। इस तरह हमें स्वयं के खून की रक्षा करने के जितना ही इन नदियों का संरक्षण करना चाहिए।"
छोटी तिब्बती लड़की बहुत प्यारी है। हमारे संवाददाता से विदा लेते समय उसने विशेष तौर पर संवाददाता के नोटबुक में अपना नाम लिखा, और इसका एक-एक शब्द समझाते हुए कहा:
"मेरा नाम रनछिंग लाचङ है। रन का मतलब प्यार है, छिंग तो मेरा जन्मस्थान छिंगहाई प्रांत का छिंग, ला का अर्थ तिब्बती देवी और चङ का मतलब जीवन को मूल्य देना है।"