छिंगहाई प्रांत के युशू तिब्बती प्रिफेक्चर की युशू कांउटी के दूसरे प्राइमरी स्कूल के संचालक प्रधान, अध्यापिका निमा त्सोमाओ 15 वर्षों से शिक्षा कार्यों में लगे हुए हैं। उन्होंने हमारे संवाददाता को अपने नाम का परिचय देते हुए कहा कि"निमा त्सोमाओ"का मतलब"सूर्य और झील की बेटी"है। माता पिता ने क्यों उसे ऐसा नाम दिया?वे उसे बताना चाहते हैं कि वह प्रकृति की बच्ची है। निमा त्सोमाओ वर्ष 2010 के अप्रैल महीने में युशू में आए जबरदस्त भूकंप से भी ग्रस्त थी। अपने अनुभव बताते हुए इस प्रकृति की बेटी ने कहा:
"मैं स्वयं युशू भूकम्प से ग्रस्त हुई थी। उस समय मुझे गहन रूप से बूढ़े लोगों का कथन समझ में आया कि पर्वत पर उगे घासों और वनों को नष्ट न किया जाए। प्रकृति का सम्मान किया जाए। मैं सोचती हूं कि अगर पहले हमारे यहां पर्वतों पर घासों और वनों को इस हद तक नष्ट नहीं किया गया होता, तो युशू भूकंप के दौरान बड़े क्षेत्रफल में भूस्खलन नहीं आता। इस तरह मैं पर्यावरण संरक्षण वाली विचारधारा अपने छात्रों को बातना चाहती हूं।"
निमा त्सोमाओ ने कहा कि युशू प्रिफेक्चर की युशू कांउटी के दूसरे प्राइमरी स्कूल में पारिस्थितिकी और पर्यावरण से जुड़ी कक्षाएं खोली जाती हैं। हर एक कक्षा के लिए वे गंभीरता से तैयारियां करती हैं। तिब्बती अध्यापिका निमा त्सोमाओ ने कहा:
"हमारे स्कूल में विशेष तौर पर पर्यावरण संरक्षण की कक्षाएं खोली जाती हैं। हम विद्यार्थियों को शिक्षा देते हैं कि वे पर्यावरण संरक्षण से जुड़े काम करें। हर एक कक्षा में अलग विषय होता है। उदाहरण के लिये स्कूली कैंपस में पर्यावरण संरक्षण, आसपास के कचरे के निपटारे और पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए खुद का उत्तरदायित्व इत्यादि।"