पुराने क्षेत्र में बिजली लाइनें अस्त व्यस्त हैं
वांग च्यान के अनुसार प्राचीन वास्तु निर्माणों का जीर्णोद्धार इसके पूर्व रूप के अनुसार ही किया जाता है। लंबे समय तक बिना पुर्ननिर्माण कार्य के कारण कुछ पुराने वास्तु निर्माण स्थल को नष्ट हो गए। इसके संरक्षण और जीर्णोद्धार के वक्त नए वास्तु निर्माणों की स्थापना की आवश्यकता है। लेकिन नए वास्तु निर्माण पुराने शहर के पूर्ण दृश्य से मेल नहीं खाता। इस तरह निर्माण के दौरान वास्तु निर्माण की शैली पर भी अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वांग च्यान ने कहा:
"हमने ल्हासा के स्थानीय तिब्बती वास्तुकारों और विशेषज्ञों के साथ मिलकर पुर्ननिर्माण कार्य में भाग लिया है, ताकि प्राचीन शहर में वास्तु निर्माण अपनी पारंपरिक शैली, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विशेषता बनाए रखे। इस परियोजना के कार्यान्वयन में हमने कई तिब्बती वास्तुकारों के साथ सहयोग कर प्रयास किया है।"
हमारे संवाददाता ने जीर्णोद्धार किए जा रहे ल्हासा शहर के पुराने क्षेत्र का दौरा किया और देखा कि सुधार के बाद बाख्वोर सड़क पहले से अधिक विशाल और साफ़ हो गई। यहां पूरी तरह तिब्बती विशेषता और शैली बनी है।
इस बार की परियोजना में 56 प्राचीन वास्तु निर्माणों के संरक्षण के अलावा जोखान मठ में अग्नि विरोधी पुनर्निर्माण कार्य भी शामिल है। जोखान मठ ल्हासा शहर के पुराने क्षेत्र के केंद्र में स्थित है, यह मठ विश्व सांस्कृतिक विरासत ही नहीं, तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायियों के मन में पवित्र महल का स्थान रखता है। मौजूदा परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान जोखान मठ को केंद्र बनाकर आसपास के वातावरण में भी सुधार किया गया, जिसका मठ के भिक्षुओं ने स्वागत किया। जोखान मठ के भिक्षु निमा त्सेरन ने कहा:
"सुधार किए जाने के पूर्व पुराने शहरी क्षेत्र में लगाई गई बिजली लाइन हमारे मठ के बहुत नज़दीक है। इससे आग लगने का खतरा भी है। इस बार की सुधार परियोजना के दौरान भूमिगत बिजली लाइन बिछाई गई है। हमारे मठ के लिए जो सबसे बड़ा खतरा था वो अब दूर हो चुका है। पहले, बारिश के वक्त मठ में सीवर से पानी बेरोकटोक नहीं चल पाता था। लेकिन जीर्णोद्धार के बाद जल निकासी परियोजना में सुधार हुआ है। यह मठ के संरक्षण के लिए अच्छी बात भी है।"