पुराने क्षेत्र का एक कोना
वर्ष 2012 के अंत में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा शहर के पुराने क्षेत्र में संरक्षण परियोजना का कार्य शुरु किया गया। छै महीने के बाद इस माह के अंत में परियोजना पूरी होने वाली है। इस शहर में सांस्कृतिक अवशेषों की संख्या अधिक है, विश्व सांस्कृतिक विरासत की नामसूचि में शामिल जोखान मठ समेत विभिन्न प्रकार के 900 से अधिक सांस्कृतिक क्षेत्र इस शहर में सुरक्षित गए हैं। इस तरह लहासा शहर के पुराने क्षेत्र में संरक्षण और पुर्ननिर्माण कार्य में विभिन्न जगतों का ध्यान केंद्रित हुआ है। कुछ लोगों को चिंता है कि परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान सांस्कृतिक अवशेषों को नुकसान होगा ?पुराने शहर के पुर्ननिर्माण के बाद पहले जैसा परम्परागत दृश्य देखने को मिलेगा या नहीं ?हाल ही में ल्हासा स्थिति हमारे संवाददाता ने पुर्ननिर्माण और सुधार क्षेत्र का दौरा किया और संबंधित जानकारी ली।
बताया जाता है कि ल्हासा शहर के पुराने क्षेत्र का संरक्षण, पुर्ननिर्माण और सुधार परियोजना पिछले वर्ष दिसम्बर माह में औपचारिक रूप से शुरू हुई, जिसमें करीब 1.5 अरब चीनी युआन की पूंजी लगाई गई। ल्हासा के पुराने शहर की जल आपूर्ति, जल निकासी प्रणाली, बिजली और टेलिकॉम लाईन में सुधार किया जाएगा। पुर्ननिर्माण और संरक्षण का काम पूरा होने के बाद ल्हासा शहर के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता के साथ ही वहां के वातावरण में भी बड़े स्तर पर सुधार किया जा सकेगा।
बाख्वोर सड़क ल्हासा शहर के पुराने क्षेत्र का केंद्र है, जहां तिब्बती संस्कृति और इतिहास अति विशेष तौर पर दिखाई देती है। यहां का क्षेत्रफल 1.33 वर्गकिलोमीटर है, और स्थाई जनसंख्या 80 हज़ार है। विश्व विख्यात सांस्कृतिक विरासतों में से एक जोखान मठ के अलावा, रामूछी मठ समेत तिब्बती बौद्ध धर्म के 27 मठ और 56 प्राचीन वास्तु निर्माण भी सुरक्षित हैं। यहां तिब्बती जातीय और धार्मिक विशेषता का वातावरण है।