लाब्रांग तिब्बती प्राइमरी स्कूल की उप प्रधान जाशी ची कहते हैं कि स्कूल तिब्बती भाषा की शिक्षा को महत्व देता है। गणित, ललित कला, संगीत और विज्ञान आदि कक्षाएं देने के दौरान शिक्षक तिब्बती भाषा का प्रयोग करते हैं और पाठ्यपुस्तकें भी तिब्बती भाषा में होती हैं। इस तरह छात्र तिब्बती भाषा के वातावरण में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों की जानकारी अच्छी तरह हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही स्कूल में चीनी भाषा की पढ़ाई को भी महत्व दिया जाता है। इसकी चर्चा में जाशी ची ने कहा:
"चीनी भाषा सीखना क्यों जरूरी है?क्योंकि वह हमारी राष्ट्रीय भाषा है। अगर चीनी भाषा अच्छी नहीं है, तो हमारे बच्चों की जानकारी सीमित रहती है। क्योंकि वे लोग बाद में बाहर जाते हैं, अगर चीनी भाषा न आए, तो समझ नहीं आती। इसलिए चीनी भाषा सीखना जरूरी है और उसे अच्छी तरह सीखना भी चाहिए।"
ग्रेड छह क्लास में टीचर हान अंग्रेज़ी पढ़ा रही हैं। विद्यार्थी बड़े उत्साह से पढ़ाई करते हैं। वे कभी सामूहिक तौर पर पाठ पढ़ते हैं, कभी पात्र के तौर पर । जब एक विद्यार्थी अपना काम अच्छी तरह पूरा करता हो, तो क्लास में दूसरे बच्चे उसकी तारीफ करते हैं। बच्चों के बीच आपसी संपर्क व आदान प्रदान से वे खुश रहते हैं। अध्यापिका हान ने कहा कि तिब्बती क्षेत्र में स्कूली बच्चे अंग्रेज़ी का कम इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्लास में जीवंत तरीके से अंग्रेज़ी सिखाने से उनकी रुची बढ़ेगी। उन्होंने कहा:
"हमारे बच्चे आम तौर पर तिब्बती कृषि व पशुपालन क्षेत्र से आते हैं। पहले उनका अंग्रेज़ी के साथ कोई संपर्क नहीं था। ग्रेड तीन से वे पहली बार अंग्रेज़ी सीखते हैं। यह उनके लिए नया और रुचिकर होता है। वर्तमान में विदेशी लोग पूंजी लगाकर हमारे यहां कंपनियां खोलते हैं। उन्हें तिब्बती और अंग्रेज़ी भाषा जानने वाले दुभाषियों की जरूरत होती है। मुझे लगता है कि तिब्बती छात्रों के लिए अंग्रेज़ी सीखना हान जातीय छात्रों से ज्यादा अनिवार्य है।"
टीचर हान अपने छात्र-छात्राओं को अंग्रेज़ी पढ़ाने को लेकर विश्वास से भरी हैं। उन्होंने कहा कि आजकल कान्नान तिब्बती प्रिफैक्चर का विकास हो रहा है। यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों और विदेशी पूंजी निवेशकों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है। तिब्बती, चीनी और अंग्रेज़ी तीनों भाषाएं जानने वालों के पास बहुत अच्छा विकल्प होता है। इस तरह उनके बच्चों को अंग्रेज़ी सीखते वक्त अधिक प्रेरणा मिलती है।
वास्तव में तिब्बती छात्रों के लिए तिब्बती भाषा उनकी मातृ भाषा है, अपनी मातृ भाषा में अच्छी पकड़ बनाकर वे अपनी जाति की संस्कृति व परम्परा को अच्छी तरह समझ सकते हैं। चीनी भाषा चीन में प्रचलित राष्ट्रीय भाषा है, यह तिब्बती लोगों और देश के अन्य स्थानों के दूसरी जातियों के लोगों के साथ आदान प्रदान का एक माध्यम है। वैश्विक भाषा के रूप में अंग्रेज़ी का महत्व दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। आज तिब्बती बहुल क्षेत्रों के विकास व प्रगति के चलते, तिब्बती छात्र बाहरी दुनिया के साथ ज्यादा आवाजाही करते हैं।