प्राकृतिक जीव विविधता को छोड़कर श्यांगरिला की जातीय संस्कृति भी विविधतापूर्ण है। युन्नान प्रांत में सब से बड़ी तिब्बती लामा बौद्ध धार्मिक मंदिर सुंगचांगलिन मठ श्यांगरिला की धार्मिक संस्कृति का महत्वपूर्ण द्योतक ही है। शांगहाई का पर्यटक चांग छंग छी विशेष तौर पर सुंगचांगलिन मठ के दौरे के लिये श्यांगरिला आया है। उन्होंने कहा:"वास्तव में सुंगचांगलिन मठ देखने के लिये मैं श्यांगरिला आया, क्योंकि गत वर्ष मैं तिब्बत और छिंगहाई के दौरे पर गया था। मुझे उम्मीद है कि शीघ्र ही तिब्बती लामा बौद्ध धर्म की तमाम मठों को देख पाऊंगा।"
सुंगचांगलिम मठ की बाह्य आकृति ल्हासा के पोताला महल से मिलती जुलती है, इसलिये वह लघु पोताला महल के नाम से विख्यात हो गया है। युन्नान प्रांत के एक विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा ह्वांग श्यु तान अपने सहपाठियों के साथ चित्र बनाने के लिये श्यांगरिला आयी, इसी बीच वे विशेष तौर पर सुंगचांगलिन मठ के दौरे पर भी आये। उस ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि सुंगचांगलिन मठ का निर्माण समूह अत्यंत शानदार दिखाई देता है , साथ ही उस के बगल में एक के बाद एक पर्वत भी खड़े हुए हैं, सुंगचांगलिन मठ में प्रविष्ट होने के बाद बेशुमार कसांग फूल खिले हुए नजर आते हैं। यह सचमुच मानवकृत और प्राकृतिक दृश्यों की अद्वितीय सामंजस्यपूर्ण आदर्श मिसाल ही है।
असल में चाहे चांदनी शहर हो या फूतात्सो राष्ट्रीय पार्क क्यों न हो, यह सब कुछ श्यांगरिला का एक बहुत छोटा भाग मात्र ही है। आप तभी इस भूमि के अनंत आकर्षण से अपना मन छू लेंगे, जबकि आप नजदीगी से उस के आकर्षण का अनुभव कर लें।