चन ता युंग ने कहा कि विशेष प्राकृतिक संसाधन को छोड़कर चोना कांऊटी में अपने अलग ढंग का मानवीय संसाधन भी उपलब्ध है, क्योंकि यहां पर चीन की काफी कम जनसंख्या वाली जाति मोन्पा जाति बसी हुई है। हालांकि इस जाति के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी तिब्बत जाति के साथ रहते आये हैं, लेकिन वे फिर भी अपनी विशेष जातीय संस्कृति बनाये रखे हुए हैं। इसकी चर्चा में चन ता युंग ने कहा:"मोन्पा जाति की अपनी भाषा ही नहीं , अपना विश्वास भी है, यह विश्वास तिब्बती लामा बौद्ध धर्म के साथ अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, प्रजन्न की पूजा इस जाति की विशेष पहचान है और मातृसत्तात्मक संस्कृति का आधार भी है, वह आधुनिक लोगों की प्राचीन आदिम पारिस्थितिकि की खोज करने की तमन्ना पूरी कर सकता है। इस के अलावा मोन्पा जाति में पोषाक, शादी व्याह और अंतिम संस्कार जैसे रीति रिवाज और मोन्पा आपेरा भी बड़े ढंग से परिसंरक्षित हुए हैं।"
चोना कांऊटी के प्राकृतिक संसाधनों और मानवीय संसाधन की श्रेष्ठताओं को पूर्ण रुप से प्रदर्शित करने के लिये समूचे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन उद्योग के तेज विकास की पृष्ठभूमि तले चोना कांऊटी ने स्थानीय पर्यटन उद्योग का विकास करने का फैसला कर लिया। 2008 में कांऊटी सरकार ने स्थानीय पर्यटन उद्योग के विकास पर विशेष ठोस योजना बनायी, साथ ही वह 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान स्थानीय पर्यटन संसाधानों के विकास में 28 करोड़ य्वान जुटाएगी।