भिक्षु फुबू डोर्चे ने कहा कि इन कदमों के जरिए युंगपुलाखांग महल के प्राचीन सांस्कृतिक अवशेष अच्छी तरह सुरक्षित रखे हुए हैं और इन्हें चोरी होने से बचाने का पूरा इंतज़ाम किया गया है। युंगपुलाखांग का इतिहास 2 हज़ार वर्ष से ज्यादा पुराना है, वर्तमान में इसकी प्रमुख इमारत में दरारें पड़ने और लकड़ी के सड़ने का मामला सामने आया था। मठ प्रबंधन समिति ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के संबंधित विभाग से युंगपुलाखांग की प्रमुख इमारत मरम्मत करने का आवेदन किया है।
उधर, लोका प्रिफैक्चर की ज़ानांग कांउटी स्थित साम्ये मठ तिब्बती बौद्ध धर्म के इतिहास में पहला ऐसा मठ है, जहां बुद्ध, सूत्र और भिक्षु साथ-साथ उपलब्ध हैं, इसे तिब्बत का प्रथम मठ माना जाता है। इस मठ में ईस्वी 7 से 9 शताब्दी में छिंगहाई तिब्बत पठार में थूपो राजवंश के बाद से विभिन्न कालों में निर्मित इमारतें, भित्ति चित्र और बुद्ध की मुर्तियां आदि सुरक्षित हैं, जो चीनी राष्ट्र स्तरीय सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण इकाइयों में से एक है। जब हमारे संवाददाता साम्ये मठ में प्रवेश करते हैं, तो उनकी नज़र में मठ की प्रमुख इमारत की तरफ जाती है जहां पर मरम्मत का काम जोर शोर से चलाया जा रहा है। मठ की प्रबंधन समिति के प्रधान फिंगत्सो वांगत्वे ने जानकारी देते हुए कहा कि बीसवीं शताब्दी के 80 के दशक में साम्ये मठ का जीर्णोद्धार और सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण कार्य शुरू हुआ था। मठ की प्रमुख इमारत की मरम्मत के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए :
"केन्द्र सरकार ने हमारे साम्ये मठ के प्रमुख भवन और आसपास के छोटे भवनों की मरम्मत के लिए 7 करोड़ युआन लगाए। अब जाकर बौद्ध भवन की मरम्मत बुनियादी तौर पर समाप्त हुई, जिसमें 2 करोड़ युआन लगाए गए हैं। इस वर्ष और अगले वर्ष दो वर्षों में प्रमुख भवन की मरम्मत की जाएगी, जिसमें 5 या 6 करोड़ युआन की राशि दी जाएगी। मरम्मत करने के साथ-साथ अग्नि विरोधी संस्थापन संपूर्ण किए जाएंगे और पर्यावरण संरक्षण संबंधी मुद्दे का निपटारा किया जाएगा।"