पत्रकारों के दल के साथ दो विशेष गाइड भी जिन्होंने हमें पांडा के इतिहास, उसकी दोबारा खोज और उसके संरक्षण के लिए इस केंद्र के प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
इस केंद्र पर साफ-सफाई और सुव्यवस्था देखकर अच्छा लगा और यह अहसास भी हुआ कि अगर पांडा आज चीन की पहचान बन चुका है तो इसके पीछे छंगदू शहर के इस केंद्र की कितनी अहम भूमिका है।