जिस दिन हम ता चू रॉक कार्विंग्स देखने पहुंचे, मौसम बारिश वाला था। बारिश की बूंदों के बीच हम 800 साल पुराने इतिहास को समझने की कोशिश कर रहे थे, जो कि चट्टानों पर बनी मूर्तियों में मौजूद है। इसके साथ ही हमारी टुअर गाइड ने बौद्ध धर्म के चीन में आगमन और पुनर्जन्म, गूढ़ संसार आदि कहानियां सुनाई। बौद्ध धर्म को करीब से समझने और जानने का अवसर रोमांचित करने वाला था।
पाओ तिंग शान में पत्थरों की मूर्तियों के अलावा चट्टान नुमा गुफ़ा में शाक्य मुनि की मूर्ति अद्भुत कही जा सकती है। जो कि 6.9 मीटर ऊंची, 8 मीटर चौड़ी है। इसके साथ ही गुफ़ा में 287 मूर्तियां मौजूद हैं। जिसमें भगवान बुद्ध की भिन्न-भिन्न आकार की मूर्तियों की नक्काशी देखने लायक होती हैं।
ता चू रॉक कार्विंग्स वाली जगह पहुंचने के बाद आसानी से इनकी प्राचीनता और विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। सबसे आश्चर्य में डालने वाली बात यह लगती है कि चीन सरकार के संबंधित विभाग द्वारा इनका संरक्षण। पहाड़ों पर बनी ऊंची-ऊंची प्रतिमाएं सैंकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी बेहतरीन स्थिति में हैं। भारी बारिश, तूफ़ान और भूकंप में भी चट्टानों पर बनी ये मूर्तियां सुरक्षित हैं।
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