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    संडे की मस्ती 2014-09-28
    2014-09-30 15:02:42 cri

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहें हैं संडे की मस्ती अखिल और लिली के साथ। (music)

    दोस्तों, भारत के पहले अंतरग्रहीय अभियान पर गए मंगलयान को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित कर दिया गया। भारत के साथ ही पूरी दुनिया की निगाहें मंगलयान के मंगल पर पहुंचने पर टिकी हुई थी। इसरो ने 22 सितंबर को इसके मुख्य इंजन को दोबारा से शुरू किया था जोकि पिछले 10 महीने से स्लीप मोड पर था। चलिए जानते हैं कि मंगल मिशन के पीछे है किनका दिमाग और जानेंगे इस मिशन से जुड़ें पांच तथ्य..

    - भारत पहले प्रयास में मंगलग्रह पर पहुंचने वाला संसार का पहला देश बना।

    - नासा, ईएसए और रॉसकोसमॉस के बाद इसरो मंगलग्रह की कक्षा में जाने वाली चौथी स्पेस बनी।

    -मंगल पर कदम रखने वाला भारत एशिया का पहला देश बना गया। इसके साथ ही इस क्लब में क्लब का चौथा सदस्य बन गया। अभी तक अमरीका, रूस और यूरोपीय संघ ही इस क्लब में शामिल थे।

    -यह दुनिया का सबसे सस्ता सफल मंगल अभियान है। पीएम मोदी ने लॉन्च के वक्त कहा था कि इस मिशन की कीमत हॉलीवुड मूवी ग्रेविटी की प्रोडेक्शन कीमत से भी कम है।

    -इसे श्रीहरिकोट के सतिश धवन स्पेस सेंटर से 5 नवंबर 2013 को पीएसएलवी-सी-25 से लॉ्च किया गया था।

    - 450 करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट को भारत सरकार ने तीन अगस्त 2012 को मंजूरी दी थी। इस मिशन ने 12 फरवरी 2014 को 100 दिन पूरे किए थे।

    लिली- आइए जानते है मंगल मिशन के पीछे है किनका दिमाग

    - के. राधाकृष्णन: ये इसरो के चेयरमैन और स्पेस डिपार्टमेंट के सेक्रेट्री के पद पर कार्यरत हैं। इस मिशन का नेतृत्व इन्हीं के पास है और इसरो ही हर एक एक्टिविटी की जिम्मेदारी इन्हीं के पास है।

    -एम. अन्नादुरई - ये इस मिशन के प्रोग्राम के डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। इन्होंने इसरो 1982 में ज्वाइन किया था और कई प्रोजेक्टों का नेतृत्व किया है। इनके पास बजट मैनेजमेंट, शैडयूल और संसाधनों की जिम्मेदारी है। ये चंद्रयान-1 के प्रोजेक्ट डायरेक्ट भी रहे हैं।

    -एस. रामाकृष्णन - वे विक्रमसाराबाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर हैं और लॉन्च अथोरिजन बोर्ड के सदस्य हैं। उन्होंने 1972 में इसरो ज्वाइन किया था और और पीएसएलवी को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    -एस.के. शिवकुमार - ये इसरो सैटेलाइट सेंटर के डायरेक्टर हैं। इन्होंने 1976 में इसरो ज्वाइन किया था और इनका कई भारतीय सैटेलाइट मिशनों में योगदान रहा है।

    दोस्तों, इनके अलावा और भी बहुत से scientist का नाम है।

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