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    संडे की मस्ती 2014-09-28
    2014-09-30 15:02:42 cri

    दोस्तों, अगर आपके बच्चे भी आपके प्यार के लिए समय और प्यार के लिए तरसते है, तो आपके बच्चे भी आपको कुछ इस तरह का खत लिखकर भेज सकते है या फिर किसी अन्य तरीके से वे आपको यह बता सकते है कि उन्हें आपकी जरूरत है। दरअसल, 1,21,921 अरब रुपए की इंवेस्‍टमेंट कंपनी 'पिमको' के बॉस ने अपनी बेटी का खत पढऩे के बाद नौकरी छोड़ दी। इनकी 10 साल की बेटी ने उन्‍हें शिकायत में लिखा कि आपने मेरी जिंदगी के 22 माइलस्‍टोन मिस कर दिए, क्‍योंकि आप काम में बहुत ज्‍यादा व्‍यस्‍त थे।

    खत में उसने लिखा कि आपने मेरे स्‍कूल का पहला दिन, मेरी हैलोवीन परेड और पहला फुटबॉल मैच मिस कर दिया। कैलिफोर्निया में रहने वाले मोहम्‍मद अल-एरियन नाम के इस अरबपति ने बेटी के शिकायती नोट को पढऩे के बाद पिमको से इस्‍तीफा दे दिया। उनके इस तरह से इस्‍तीफे से लोग अचंभित रह गए। एक इंटरव्‍यू में एरियन ने बताया कि बेटी के हर एक इल्‍जाम के लिए उनके पास एक बहाना था, जैसे कि वह दौरे पर थे, मीटिंग में थे, उन्हें अर्जेंट कॉल आ गया था या कोई अन्य काम।

    उन्‍होंने बताया कि इस्‍तीफे के बाद वह अपनी पत्‍नी व बेटी के साथ सुबह जागते हैं। उनके साथ नाश्‍ता तैयार करते हैं और बेटी को स्‍कूल छोडऩे जाते हैं। अब वह अपना पूरा समय अपनी बेटी को देते हैं। उनके पास इतना समय है कि वह बेटी को स्‍कूल से लेने भी चले जाते हैं। एरियन ने बताया कि वह अब बेटी के साथ हॉलीडे पर जाने का प्लान बना रहे हैं।

    लिली- दोस्तों, हर संतान की चाहत होती है कि उनके पैरेंट्स अपने व्यस्त समय में उनके लिए टाइम निकाले।

    अखिल- बिल्कुल सही कहा आपने लिली जी। चलिए दोस्तों, मैं आपको एक कहानी सुनाने जा रहा हूं जो हमें सोचने पर जरूर मजबूर कर देगी।

    एक गांव के नजदीक एक साधु ने झोपड़ी बना रखी थी। धूप और थकान से व्याकुल राहगीर जब दो क्षण के लिए वहां आराम करने के लिए रुकते तो वह उनको पानी पिलाते, छाया में बैठाते और उनका हालचाल पूछते। बातों-बातों में चर्चा छिड़ती कि आगे के गांव के लोग कैसे हैं, उनका स्वभाव कैसा है तो साधु उनके सवाल के जवाब में उनसे ही पूछते कि वे जिस गांव से आ रहे हैं, वहां के लोग अच्छे हैं या बुरे?

    कुछ लोग कहते कि वे जिस गांव से आ रहे हैं वहां के लोग बहुत भले हैं। यह सुनकर साधु उनसे कहते कि आगे वाले गांव के लोग भी उतने ही अच्छे हैं। वे उनका आदर सत्कार करेंगे, लेकिन कुछ लोग पिछले गांव के बारे में कहते कि वहां के लोग बहुत दुष्ट हैं और वे कभी लौटकर नहीं जाएंगे। ऐसे लोगों को साधु कहते कि आगे वाले गांव में भी बहुत दुष्ट लोग रहते हैं, वे वहां न जाएं। एक दिन पास के गांव का आदमी किसी काम से दो दिन उस झोंपड़ी में रहा। जब उसने साधु के दो तरह के जवाबों को सुना तो वह हैरान हुआ।

    उसने उनसे पूछा - बाबा, गांव के बारे में आप दो तरह के जवाब क्यों दे रहे हैं? आप तो उन्हें अच्छा-बुरा दोनों बता रहे हैं। साधु ने कहा- मैं जवाब देता नहीं हूं, जवाब लेता हूं। राहगीर असल में अपने पिछले गांव के लोगों की प्रकृति के बारे में न बताकर स्वयं अपनी प्रकृति को ही बता रहे होते हैं। लोगों की सोच जैसी होती है, उन्हें दूसरे लोग भी वैसे ही दिखते हैं।

    लिली- जैसी सोच वैसा जवाब। वाकई सही बात है जेसा सोचोगे वैसा ही फल मिलेगा।

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