2008-09-17 21:38:51

पेइचिंग पैरा ऑलंपिक का समापन समारोह

दो ऑलंपिक खेल समारोहों की तैयारी के दौरान चीन में आठ करोड़ 30 लाख विक्लांगों के जीवन व गारंटी पर ज्यादा ध्यान दिया गया । सारे समाज के लोग और सामंजस्यपूर्ण रूप से एक साथ रहते हैं । अंतरारष्ट्रीय पैरा ऑलंपिक समिति के उपाध्यक्ष श्री मिगुएल सागारा ने कहा,"सौभाग्य की बात है कि मैं ने खुद सामग्री प्राप्त की, जिस से मैंने पता लगाया कि चीन सरकार ने चीनी विक्लांगों के जीवन के सुधार व उन्नति के लिए भारी कोशिश की है । मसलन चीन ने संयुक्त राष्ट्र 《विकालंग अधिकार अंतरराष्ट्रीय संधि》पर हस्ताक्षर किए, कई माह पूर्व चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा ने विक्लांगों के अधिकार की गारंटी करने वाले कानून को पारित किया । मेरा विचार है कि वर्ष 2008 पेइचिंग पैरा ऑलंपिक से चीनी विक्लांग जीवन की क्वालिटी और अचछी बनेगी ।"

सारी दुनिया के लिए पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक एक शांतिपूर्ण समारोह रहा, जिससे विभिन्न देशों के लोगों के बीच समझदारी व मैत्री बढ़ाई है। ईरान के पैरा-ऑलंपिक प्रतिनिधिमंडल के नेता, पैरा-ऑलंपिक कमेटी के उपाध्यक्ष श्री गाफुर कर्गारी ने कहा, "मेरे विचार में पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक में दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से आए विकलांग दोस्तों ने इक्ट्ठे होकर मानवतावादी भावना प्रदर्शित की। इस के अलावा, इस महान समारोह के आयोजन से विभिन्न जातियों तथा विभिन्न देशों के लोगों के बीच समझदारी व संपर्क गहरा हुआ है। पैरा-ऑलंपिक ग्रीष्मकालीन ऑलंपिक की ही तरह शांति व मैत्री वाला महान समारोह रहा, जिससे लोगों को आपस में सद्भाव के साथ बर्ताव करने तथा युद्ध, खून व मुठभेड़ दूर करने की सूचना दी है।"

पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक से आम लोगों के दिल भी साफ हुए हैं। इजराइल के विकलांग खेल संघ की प्रवक्ता सुश्री लेह स्नेडर ने कहा, "मुझे लगता है कि सब को प्रशंसा की दृष्टि से पैरा-ऑलंपिक को देखना चाहिए। इस तरह आप को मालूम होगा कि संकल्प लेने पर ही आप काम पूरा कर सकेंगे, जिस का मतलब है कि जो काम विकलांग दोस्त द्वारा पूरा किया जा सकता है, आम लोगों को भी पूरा करना चाहिए। आप उन की ही तरह दृढ़ बनेंगे।"

ऑलंपियाड के लिए पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक का बड़ा महत्व रहा। 147 देशों व क्षेत्रों के 4000 से ज्यादा विकलांग खिलाड़ियों ने इस में भाग लिया, जो पैरा-ऑलंपिक के इतिहास में एक नया रिकार्ड है। पहली बार हस्त भाषा से विकलांग दोस्तों के लिए खेलों की व्याख्या की गयी है और यह भी पैरा-ऑलंपिक के इतिहास में पहली बार है कि संयुक्त राष्ट्र संधि के विषय से विकलांग अधिकार संधि स्मरण दीवार की स्थापना की गई है। सभी इन कार्यवाहियों से पैरा-ऑलंपिक का प्रभाव बढ़ा है और ऑलंपियाड में जीवन शक्ति का संचार किया गया है।

पैरा ऑलंपिक का इतिहास एक सांस्कृतिक इतिहास है। विकलांगों का सम्मान करना और उन का ध्यान रखना तथा सहायता देना सामाजिक सभ्यता के विकास का महत्वपूर्ण प्रतीक है। पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक से दुनिया के विकलांग दोस्तों के लिए सपना साकार करने का मंच तैयार किया गया है। चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ ने कहा,"हम पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक का फायदा उठाकर मानवतावादी भावना का प्रचार करेंगे, विकलांगों के हितों को सुनिश्चित करने में संलग्न रहेंगे और सामाजिक जीवन में भाग लेने तथा आर्थिक व सामाजिक विकास की उपलब्धियों से लाभ उठाने के उन के समान हितों की गारंटी करेंगे। मुझे विश्वास है कि पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक विभिन्न देशों के विकलांग दोस्तों के बीच समझदारी व मैत्री बढ़ाने का मंच बनेगा और विश्व विकलांग खेल कार्य को बहुत महत्वपूर्ण मानसिक संपत्ति प्रदान करेगा।"

पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक की पवित्र अग्नि का संग्रहण करने वाली दूत सुश्री च्यांग सिन थ्येन ने आशा प्रकट की कि पैरा-ऑलंपिक समाप्त होने के बाद सारा समाज विकलांगों पर ध्यान देता रहेगा। उन्होंने हस्त भाषा से अपनी दिल की आवाज प्रकट की। उन्होंने कहा, "हालांकि हम विकलांग हैं, लेकिन अभाग्य के बजाए हमारे लिए सिर्फ असुविधा है। हम आम लोगों की ही तरह जीवन के सपनों की खोज करते हैं और जीवन के मूल्यों पर अमल करने की आशा करते हैं। मेरी आशा है कि पैरा-ऑलंपिक समाप्त होने के बाद लोग हम पर ध्यान देते रहेंगे।"

आज रात को पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक की पवित्र अग्नि बुझ गई। आज रात को पैरा-ऑलंपिक का झंडा लंदन को दिया गया। आज रात को आज हमने वचन दिया कि एक दुनिया एक सपना के लिए हम लंदन में मिलेंगे। मिलन वर्ष 2012, मिलन ऑलंपियाड। चार साल बाद हम एक बार फिर मिलेंगे।


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