चाइना रेडियो इंटरनेशनल(पुराना नाम रेडियो पेकिंग) ने वर्ष 1957 में ही अपने हिन्दी विभाग की स्थापना की तैयारी शुरू कर दी थी। इस के दो साल बाद वर्ष 1959 के 15 मार्च से हिन्दी प्रसारण की औपचारिक शुरुआत हुई।
भारत और चीन की मैत्री दो हज़ार वर्ष पुरानी है और इन दो पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लम्बा इतिहास है। इधर कुछ वर्षों से चीन-भारत राजनयिक संबंधों में निरंतर सुधार आने के साथ साथ चाइना रेडियो इंटरनेशनल भारत में लोकप्रिय होता जा रहा है। श्रोताओं को इस के हिन्दी प्रसारण में भी रुचि बढ़ी है। पहले हमारे श्रोताओं में मुख्य तौर पर युवा छात्र थे, पर अब हमें अध्यापकों, कर्मचारियों, विक्रेताओं, तकनीशियनों तथा डाक्टरों जैसे श्रोताओं से भी चिट्ठियां मिल रही हैं। भारत में सी आर आई का हिन्दी प्रसारण सुनने के लिये सैकड़ों क्लब भी गठित हैं, अब हर वर्ष हमें अपने श्रोताओं से बड़ी संख्या में चिट्ठियां मिलती हैं। कुछ श्रोता दोस्तों ने लिखा है कि सी आर आई श्रोता संघों में भाग लेने से न केवल उन की चीन के प्रति जानकारी बढ़ी है, श्रोता संघ के सदस्यों के बीच मैत्री भी मजबूत हुई है। आप की आवाज हमारी मैत्री का पुल है।
इस समय हम अपने प्रसारण में समाचार और सामयिक चर्चा के अतिरिक्त
चीन का भ्रमण, आज का तिब्बत, चीन में निर्माण व सुधार, खेल जगत, श्रोताओं की डाक, सांस्कृतिक जीवन, आप से मिले, आप की पसंद , चीनी संगीत और चीनी बोलना सीखें आदि साप्ताहिक कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं।
श्रोताओं के अनुरोध पर हमारी कुछ नये कार्यक्रम शुरू करने की भी योजना है।
वर्तमान में सी आर आई के हिन्दी विभाग में एक भारतीय सहयोगी के अतिरिक्त 12 चीनी कर्मचारी कार्यरत हैं। वे हैं:
श्याओयांग, श्याओथांग, वेईतुंग, चंद्रिमा
सपना, रूपा, पवन, श्याओच्याओ
ललिता, वनिता, होवेई, श्याओह