महानहर का प्रारंभिक रूप
आज का च्याडंसू प्रांत 2500 साल पहले ऊ राज्य के अधीन था। ऊ राज्य के राजा"हे ल्वी" ने अपनी राजधानी सूचओ शहर का निर्माण किया और सेना भेजकर पश्चिमी भाग में स्थित छू राज्य को पराजित किया तथा अपने दक्षिण में स्थित य्वे राज्य पर विजय पाकर उत्तर की ओर कूच करने की महाकांक्षा की। ईसा पूर्व 496 में ऊ राज्य और य्वे राज्य के बीच युद्ध में "हे ल्वी"पराजित हुआ और वह छायलावस्था में मर गया। दूसरे वर्ष "हे ल्वी" के बेटे "फ़ू छाए" ने राजा का पद संभाला। उस ने दस व्यक्तियों को अपने दरबार के आंगन में तैनात किया और उन्हें यह काम सौंपा कि जब भी राजा उन के पास से गुजरे, तो ड्यूटी पर तैनात व्यक्ति ऊंची आवाज में कहें: "'फ़ू छाए', क्या तुम अपने पिता के हत्यारे य्वे राजा को भूल गए हो?" और राजा "फ़ू छाए" फौरन जवाब दे: "नहीं, हरगिज नहीं।" य्वे राज्य से बदला लेने के लिए ऊ राज्य के राजा "फ़ू छाए" ने थाएहू झील के पूर्व से समुद्र तक पहुंचने वाली श्वीफ़ू नहर खोदने का काम दरबारी ऊ चश्वी को सौंपा। उत्तर की ओर कूच करने के लिए उस ने आज्ञा दी कि सूचओ शहर के उत्तर-पश्चिमी भाग में एक नहर खोदी जाए और नहर का पानी उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित वाडंथिडं, ऊशी, छाडंचओ से होते हुए पनन्यू व तानयाडं तक पहुंचाया जाए, इस के बाद फिर नहर को मडंहो नदी से जोड़कर छाडंच्याडं नदी तक पहुंचाया जाए। इस नहर की कुल लम्बाई 85 किलोमीटर थी। यह महानहर का सब से पहला भाग था जिस का निर्माण ईसा पूर्व 495 में किया गया। इस के नौ वर्ष बाद ऊ राज्य ने य्वे राज्य को पराजित किया और तभी ऊ राज्य के राजा फ़ू छाए के मन में उत्तर की ओर चीन के मध्य मैदान पर राज करने की आकांक्षा पनपी। उस ने भारी बेगार लेकर छाडंच्याडं नदी के उत्तरी तट पर स्थित हानछडं नगर खड़ा किया और हान नहर की खुदाई करवाई। उस ने छाडंच्याडं नदी और ह्वाएहो नदी को जोड़ने के लिए दक्षिणी चीन के याडंचओ से उत्तरी चीन के ह्वाएआन तक नहर खुदवाई। इन दोनों नहरों के निर्माण के चलते सूचओ से ह्वाएआन तक का जल-परिवहन सुविधाजनक हुआ और इस प्रकार महानहर का प्रारंभिक रूप तैयार हो सका।