13 से 22 मई के बीच सौ भारतीय युवकों के प्रतिनिधि मंडल ने चीन की दस दिवसीय यात्रा की। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने पेइचिंग, वू हान और शेनचेन तीन शहरों की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान भेंट और आदान-प्रदान से उन्हें चीन के शहरों के विकास और प्रगति, चीन की विशेषतापूर्ण परंपरागत संस्कृतियों की जानकारी मिली। यह इस प्रतिनिधि मंडल के अधिकांश सदस्यों की पहली चीन यात्रा थी। दल के कई सदस्यों ने कहा कि चीन एक मनमोहक देश है और चीन की यात्रा करना लंबे समय से उनका सपना था। इस बार की चीन यात्रा से उनका ये स्वप्न पूरा हुआ है।
सौ भारतीय युव प्रतिनिधि मंडल का एक सदस्य भारत के जम्मू कश्मीर प्रदेश के एक विश्वविद्यालय का अध्यापक हैं, उनका नाम राजा अब्दुल वाहिद है। वह लंबे समय से चीन की यात्रा करना चाहते थे। उन्होंने बताया कि चीन में शिक्षा पर सरकार बहुत ध्यान देती है और सुखमय जीवन के लिये चीनी जनता कड़ा परीश्रम करती है।
उन्होंने कहा कि चीन विश्व का दूसरा बड़ा आर्थिक देश है। चीन आने से पहले मैंने हमेशा चीन के आर्थिक विकास पर ध्यान दिया। मैं ये जानना चाहता था कि चीन ने इतनी प्रगति कैसे की, जैसे देश में आर्थिक विकास की क्या क्या बेहतर नीतियां हैं और विकास के लिए चीनी जनता का क्या योगदान है?इस बार की यात्रा से मुझे लगता है कि चीन एक अद्भुत देश है।