इस के साथ साथ राजा अब्दुल वाहिद ने चीनी संवाददाताओं से चीन और भारत के बीच सहयोग और आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने की आशा की।
उन्होंने कहा कि चीन एक मित्र देश है। चीन और भारत में मित्रवत संबंध हैं और यह विश्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन और भारत में संपर्क बढ़ाने से दोनों देश साथ साथ प्रगति करेंगे जो महत्वपूर्ण है।
भारत के लोकतांत्रिक युवा संघ में काम करने वाले भास्कर कादिगल्ला ने कहा कि वर्तमान चीन यात्रा उनके लिए एक बहुमूल्य अवसर है। सबसे प्रभावशाली बातों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा,
हमारी इस यात्रा में हर जगह का बड़ा महत्व है और वूहान विश्वविद्यालय ने मुझपर गहरी छाप छोड़ी है। वर्ष 2008 में पेइचिंग ओलिंपिक खेलों में चीन ने पूरे विश्व को खेल जगत में अपनी बड़ी उपलब्धियां दिखाई हैं। चीन में कई युवक खेल में सफलता के लिये रोज़ गंभीरता से अभ्यास करते हैं। हमने यह भी देखा है कि चीन में अनेक युवकों को खेल बहुत पसंद है और चीन के स्कूल खेल की शिक्षा और प्रशिक्षण पर बहुत ध्यान देते हैं। खेल प्रशिक्षण का मतलब केवल प्रतियोगिताओं में पदक पाना नहीं है। खेल प्रशिक्षण से एक देश और मजबूत कर सकता है। मुझे लगता है कि खेल जगत में चीन की शिक्षा बहुत अच्छी है। देखी गई चीज़ हमेशा सुनी हुई बातों से अधिक यथार्थवादी है। मैं अपने मित्रों को बताना चाहता हूं कि खेल, शिक्षा, संस्कृति, आधारभूत संस्थापन और राजगार में चीन विकासमान है।