बीजू साइरस ने कहा कि चीन के खेल संस्थापनों और खेल शिक्षा पर सरकार द्वारा कदमों ने उन्हें बड़ा प्रभावित किया है। उन्हें आशा है कि खेल जगत में चीन और भारत को सहयोग का और अधिक मौके मिलेंगे।
उसने कहा कि मैं खेल समाचार का एक संवाददाता हूं, इसलिए वू हान खेल विश्वविद्यालय ने मुझ पर सबसे गहरी छाप छोड़ी है। वहां मैंने अच्छे खेल संस्थापन देखे और मुझे लगता है कि चीनी युवकों को खेल बहुत पसंद है। इस विश्वविद्यालय के नेता ने हमें विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यों का परिचय दिया। मुझे लगता है कि उनका काम कारगर है। मुझे बहुत सी जानकारी मिली और मैं उसे भारत लाऊंगा और संबंधित लोगों को बताऊंगा। मुझे विश्वास है कि यह भारत के खेल के विकास के अनुकूल होगा।
इस बार की चीन यात्रा का समय कम है। लेकिन प्रतिनिधि मंडल के सभी सदस्यों के लिए इस बार की यात्रा उनके जीवन में एक अविस्वमरणीय अनुभव है। चीन से स्वदेश लौटने से पहले भारत के कर्नाटक प्रदेश से आई छात्रा पद्मश्री.सी.आर ने संवाददाताओं को इन दिनों में उनके द्वारा खींचे गए पसंदीदा फोटो दिखाए और संवाददाताओं को बताया कि यह उनके दिल में चीन है। पिछले कई दशकों में चीन का विकास फोटो में ऊंची इमारत जैसी है। उन्हें विश्वास है कि भविष्य में चीन और सुन्दर बनेगा, चीन और भारत के बीच मैत्री को जरूर आगे बढ़ाया जाएगा। (वनिता)