चीन की एक खास बात है कि आपको केवल आगे बढ़ अपने किसी चीनी मित्र से मदद माँगने की देर होती है और वे आपकी हर संभव मदद देने के लिए मौजूद होते हैं। मेरी भी एक ऐसी ही प्यारी सहेली श्याओपिंग ने न केवल मेरी मदद की बल्कि मुझे उन्हें कैसे बनाना है, यह भी सिखाया। प्रतियोगिता में मैंने बनाया चीन का पारंपरिक व्यजंन डंपलिंग(ज्याओज़) जिसे चीनी नव वर्ष के दौरान खाया जाता है और तोफू(सोयाबीन से बना पनीर) के साथ हरा प्याज़। किसी भी देश की पहचान, संस्कृति का अटूट हिस्सा वहाँ का भोजन होता है। अगर वह चीन के नव वर्ष के मौके पर बनाया व खाया जाता है तो आप जान गए होंगे कि उसे बनाने की विधि भी कुछ खास और अलग होगी। खैर, अपनी सहेली से डंपलिंग(ज्याओज़) और तोफू व हरा प्याज़ एक साथ पकाने की विधि सीख मैंने प्रतियोगिता से पहले उसे दो-तीन बार बनाने का अभ्यास भी किया। दो सप्ताह का समय पूरा हुआ और आखिर इम्तहान की घड़ी आ ही गई। हम चार प्रतियोगी एक साथ गाड़ी में बैठ पहुँचे अपने मास्टर शेफ के किचन में। जी हाँ, किसी मास्टर शेफ के किचन से कम नहीं था, हमारा यह युद्धस्थल। युद्धस्थल, इसलिए कि यहाँ हमें लड़ना था एक-दूसरे की डिश के साथ कि कौन सबसे अच्छा चाइनीज खाना पकाना जानता है और अब तक हम सब यही सोच रहे थे कि हम एक ऐसे रसोईघर में जाने वाले हैं जहाँ केवल हम चार प्रतियोगी होंगे और आराम से खाना बनाएँगे, निर्णायकों को खिलाएँगे, निर्णय सुनेंगे और वापस आ जाएँगे। लेकिन, जी नहीं जनाब, हम यह बात कैसे भूल सकते कि चीन में आपको किसी भी सरप्राइज के लिए तैयार रहना चाहिए और आपको बता दूँ, हमारा सरप्राइज था एक विशाल प्रदर्शनी हॉल जहाँ हज़ारों की संख्या में लोग थे और हमें उन सबके सामने खाना बनाना था।