मैनें अपने मित्र से कहा कि आप ने ता हुंग फाओ चाय वू यी शान से लायी थी, इसलिए आप फिर से उस के जन्मस्थल जाएं। सचमुच ही उसने फिर वहां से पांच चाय के पेड़ लाकर मुझे दिए।
उस समय के बारे में छन द ह्वा ने कहा कि, उस समय हमलोगों से एक भूल भी हो गयी। उस चाय अनुसंधान केंद्र में ता हुंग फाओ चाय की दो किस्में थीं और मुझे उसकी केवल एक ही किस्म दी गयी। बाद में पता चला कि चाय अनुसंधान केंद्र ने ता हुंग फाओ चाय की दोनों किस्मों की जांच के बाद पाया कि छन द ह्वा को दी गयी किस्म ता हुंग फाओ चाय की उत्तम किस्म थी।
उस समय मेरे दिल में हमेशा एक कसक सी रहती थी। हमेशा यही लगता था कि दोनों किस्मों को लाना चाहिए था, लेकिन एक किस्म ही ला पायी। लेकिन अब समझता हूं कि वह भूल वास्तव में बहुत खुशी की बात साबित हुई है। अच्छा हुआ कि एक ही किस्म लायी थी, अगर दोनों किस्मों को लाता तो किस्मों की गड़बड़ी और परेशानी बढ़ जाती।
छन द ह्वा द्वारा चाय का लाना वास्तव में एक निजी घटना था। छन द ह्वा ने उस चाय को यों चाय बागान में उगाया और वहीं से धीरे-धीरे उस चाय का बड़े पैमाने पर पैदावार होने लगा। उसी समय से लोगों को ता हुंग फाओ का स्वाद चखने का मौका मिला।
ता हुंग फाओ चाय के जन्मदाता के रूप में छन द ह्वा कहते हैं कि, अगर वह उस चाय के बारे में अनुसंधान नहीं करते, तो भी कोई और करता। उन्होंने शर्माते हुए कहा कि वह तो पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने इस चाय का उत्पादन शुरू किया।