चीनी लोगों को चाय बहुत पसंद है, कहा जाता है कि चाय पीने वाले लोग वू यी येन चाय के बारे में जरूर जानते हैं। वू यी येन चाय में ता हुंग फाओ चाय का राजा मानी जाती है। आज आम आदमी जो ता हुंग फाओ चाय पीते हैं, वह प्राचीन काल में सिर्फ राजा को उपहार के रूप में भेंट की जा सकती थी और प्रजा के लिए निषिद्ध थी। तो इस बदलाव के लिए एक आदमी का नाम अवश्य लिया जाता है, जिनका इस चाय के साथ बहुत घनिष्ठ संबंध है—वह है छन द ह्वा। छन द ह्वा ने ही संकर तकनीक के जरिए इस चाय की कई किस्मों का इजाद किया है, इस तरह इस की खेती बड़ी मात्रा में हो सकी । आज के इस कार्यक्रम में हम आपको फू चिएन प्रांत के वू यी पहाड़ ले चलेंगें और ता हुंग फाओ चाय के जनक माने जाने वाले छन द ह्वा से भी मिलवाएंगे।
सत्तर बसंत पार कर चुके छन द ह्वा का वू यी पहाड़ और वहां के चाय के साथ लगभग पचासों साल का संबंध है। छ द ह्वा पहले वू यी शान शहर में स्थित चाय अनुसंधान संस्थान के निदेशक थे। लोग उन्हें वू यी चाय की मशहूर किस्म ता हुंग फाओ का जनक मानते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ता हुंग फाओ चाय का इतिहास बहुत पुराना है अगर सटीक तौर पर कहें तो छन द ह्वा तिजारती ता हुंग फाओ चाय के जनक हैं।
ता हुंग फाओ चाय का जन्मस्थल फू चिएन प्रांत के वू यी शान शहर का चिउ लुंग गांव है जोकि वू यी पहाड़ के बीच स्थित एक लंबी घाटी में स्थित है। पिछली शताब्दी के साठ के दशक में, उस जगह पर 6 ता हुंग फाओ चाय के पेड़ उगे थे। छन द ह्वा 1963 में चाय अनुसंधान संस्थान पहुंचे थे और पहली बार ता हुंग फाओ चाय भी देखा था। वर्ष 1964 में इस चाय के साथ उनका संबंध बहुत घनिष्ठ हो गया था।