हमारे संस्थान ने 1964 के वसंत में एक तकनीकी कर्मचारी और एक साधारण कर्मचारी को चिउ लुंग में चाय के पौधे की शाखा काटने भेए थे। वास्तव में उस समय मुझे ता हुंग फाओ चाय में दिलचस्पी तो थी लेकिन कुछ खास नहीं। उस पौधे की शाखें काटने के बाद मैंने ऐसे ही कुछ पौधे मांगे, लेकिन वह देने के लिए राजी नहीं था।
फू चिएन प्रांत के चाय अनुसंधान संस्थान में काम करने वाला वह तकनीकी कर्मचारी छन द ह्वा का सहपाठी था। छन द ह्वा उनलोगों को साथ लेकर चाय पेड़ की शाखा कटाने को गए। उस समय इस चाय की बहुत सावधानी के साथ सुरक्षा की जा रही थी, इसलिए किसी को भी देना मना था। इस तरह कहा जा सकता है कि इस चाय के साथ छन द ह्वा का संबंध एक मायूसी के साथ शुरू हुआ, लेकिन 1985 के बाद छन द ह्वा का ता हुंग फाओ चाय के साथ संबंध बहुत घनिष्ठ हो गया।
दरअसल इन 20 सालों में छन द ह्वा हमेशा इस चाय के बारे में अध्ययन करते रहे थे। इस चाय के रोपाई, कटाई, प्रोसेसिंग आदि कामों ने छन द ह्वा को ता हुंग फाओ चाय के विकास के लिए एक आधार प्रदान किया।
1985 में छन द ह्वा ने ता हुंग फाओ चाय बनाने काम संभाला। उस साल फू चिएन चाय अनुसंधान संस्थान की 50वीं वर्षगांठ थी, जिसमें छन द ह्वा को भी आमंत्रित किया गया था। उस समय युवान राजवंश के चाय बगीचे के अवशेष स्थान में नवनिर्मित चाय बाग में 100 से अधिक किस्मों की चाय थी, लेकिन ता हुंग फाओ चाय नहीं थी। छन द ह्वा को बहुत अफसोस हुआ। उन्हें आशा थी कि उस बाग में ता हुंग फाओ चाय की किस्म भी लगायी जाएगी। इसलिए जब वे चाय अनुसंधान संस्थान में पहुंचे तो कुछ दोस्तों को इस बारे में बताया।