चंद्रिमाः विकास जी की बिदा पर हमारे दो मोनिटरों ने भी अपने अपने विचार प्रकट किया। छत्तीसगढ़ के ग्रीन पीस डी-एक्स क्लब के अध्यक्ष चुन्नीलाल कैवर्त जी ने अपने मोनिटरिंग रिपोर्ट में यह लिखा है कि हाल ही में सी. आर. आई. ने तिब्बती बौद्ध मठों पर आन लाइन प्रतियोगिता शुरू कर दी है। साथ ही जल्द एक श्रोता सम्मलेन आयोजित करने के सम्बन्ध में भी विचार कर रहा है। इससे श्रोताओं की खुशी दुगुनी हो गई है और वे काफी उत्साहित हैं। लेकिन दूसरी ओर सी.आर.आई. परिवार से हमारे प्रिय दोस्त विकास जी के बिछड़ने से श्रोता उदास भी हैं। विकास जी सचमुच शरद् ऋतु की तरह हैं, जो कम समय के लिए हमारे बीच आये और आनंद देकर चले गये। उनकी मधुर आवाज़ और कार्यक्रम प्रस्तुत करने के दिलकश अंदाज़ को श्रोता कभी नहीं भूल पायेंगे। वह जहां भी रहें, प्रसन्न रहें, सफलता उनके कदम चूमे-यही हमारी शुभकामना है। खैर,परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है और मिलना बिछड़ना जीवन चक्र!
पंकजः साथ ही नयी दिल्ली में रह रहे हमारे मॉनिटर राम कुमार नीरज ने भी अपनी मॉनिटरिंग रिपोर्ट में यह लिखा है कि दिल्ली के हर बदलते मौसम में सी आर आई का खुबसूरत साथ हमेशा ही स्मरणीय होता है। पिछले दिनों के लगातार बरसात के बाद मौसम का रंग कुछ निखरा है। मौसम आब साफ़ है लेकिन उमस वाली गर्मी का प्रकोप अब भी है। इस गर्मी से निज़ात पाने के लिये थोडा इंतजार हम सब को करना होगा। इसी बनते बिगड़ते मौसम के बीच सी आर आई हिंदी से विकास जी विदाई की खबर थोडा निराश कर गयी। निश्चित रूप से विकास जी का खुबसूरत साथ का एहसास हमसब को हमेशा रहेगा। विकास जी प्रतिभाशाली गुणों से संपन्न एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप हमारे दिलों में छाये रहेंगे, जिन्होंने कम उम्र में संघर्ष और लगन से सफलताओं के हर शिखर को छुआ है। हिंदी सेवा के प्रमुख स्तम्भ के रूप थे जिन्होंने अपने कार्यक्रमों में हमेशा ही अमिट छाप छोड़ी है और सुचमुच हम उनकी विद्वता के कायल थे। मिलने बिछड़ने का संसारिक नियम है और विकास जी भी उसी परंपरा का हिस्सा थे। हिंदी सेवा के माध्यम से उनकी आवाज को हम भले ही न सुन पाए फिर भी हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। विकास के बाद हिंदी सेवा के परंपरा निभाने वाले का तहे दिल से स्वागत भी करते हैं और उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि सी आर आई हिंदी सेवा को नई उंचाईयों तक ले भी जायेंगे। हम उन्हें अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं भी प्रेर्षित करते हैं। बहुत बहुत धन्यवाद, राम कुमार जी, हम ज़रूर अपनी पूरी कोशिश से आप की इच्छा अमल में लाएंगे।
चंद्रिमाः पंकज जी, केसिंगा, ओड़िशा के हमारे पुराने श्रोता सुरेश अग्रवाल जी ने भी अपने पत्र में विकास जी को नमस्कार कहने के साथ साथ आप का स्वागत किया। उन्होंने लिखा है कि दिनांक 5 सितम्बर को साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के अन्तर्गत गत सप्ताह विकास जी के चले जाने के बाद जो एक शून्य-सा आ गया था, श्री पंकज श्रीवास्तव को श्रोताओं की महफ़िल में पाकर किसी हद तक रिक्तता पाटी जा सकी। पंकज वाणी के धनी होने के अलावा उनके पास प्रसारण के क्षेत्र में पूरे तेरह वर्षों का अनुभव भी है। उन्होंने जी न्यूज़, सहारा समय, पी-७ तथा न्यूज़ एक्सप्रेस सहित बड़े मीडिया समूह में काम किया है, इसलिए पूरी उम्मीद है कि उक्त अनुभव का लाभ सी. आर. आई. प्रसारणों को अवश्य मिलेगा। कार्यक्रम में 'उपहार' शीर्षक गीत के अलावा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की आयोजित होने वाली अठारहवीं राष्ट्रीय कांग्रेस पर विभिन्न श्रोताओं के पढ़ कर सुनाये गये विचार बहुत जानदार लगे। धन्यवाद् स्वीकार करें।