चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। रेडियो के पास बैठे"आप का पत्र मिला"कार्यक्रम का इंतज़ार करने वाले सभी श्रोताओं को चंद्रिमा का प्यार भरा नमस्कार।
पंकजः पंकज का भी प्यार भरा नमस्कार। बहुत खुशी के साथ आज हम फिर शुरु करते हैं आप का पत्र मिला कार्यक्रम।
चंद्रिमाः पंकज जी, हम दोनों को एक साथ कार्यक्रम प्रस्तुत करते करते पूरा एक महीना हो चुका है।
पंकजः जी हां, और हमें पता भी नहीं चला कि इतनी जल्दी पूरा एक महीना बीत गया।
चंद्रिमाः समय के चलने से शायद बहुत यादें आप के दिमाग में से धीरे धीरे हल्की होकर मिट जाएंगी। पर अगर किसी व्यक्ति या कोई घटना आप के दिल में गहरी छाप छोड़ गई है , तो समय के बीतने के साथ ही उनकी यादें शायद और गहरी होंगी। पंकज जी, क्या आप मेरी बातों से सहमत हैं?
पंकजः चंद्रिमा जी, आपने बिल्कुल ठीक कहा। और मैं आप की बातों से भी बिल्कुल सहमत हूं। जैसे भारत से चीन आने के बाद अपने परिवार जनों के प्रति मेरी यादें समय के साथ भी बढ़ रही है। पर चंद्रिमा जी, आपने अचानक इस बात की चर्चा क्यों की?
चंद्रिमाः क्योंकि कुछ श्रोताओं को अभी तक मेरे पुराने साथी विकास जी की बहुत याद आती है। और उन्होंने पत्र द्वारा अपनी यह भावना प्रकट की है। उनके पत्र पढ़कर मैं बहुत प्रभावित हूं। और विश्वास है कि विकास जी भी ये जानकर बहुत प्रभावित होंगे।
पंकजः जी हां। सच कहा कि विकास जी सिर्फ़ एक अच्छे उदघोषक और संवाददाता ही नहीं वे चीन-भारत मित्रता का प्रसार-प्रचार करने का एक दूत भी बन गये हैं। हालांकि अब वे हमारे सी.आर.आई. में काम नहीं करते, पर हमें विश्वास है कि जहां वे जाते हैं, वहां वे चीन-भारत मित्रता का बीज ज़रूर डालेंगे।
चंद्रिमाः अब हम उन पत्रों में से कुछ चुनकर पढ़ाएंगे, जिन में विकास की याद प्रकट की गयी। पहला है हुगली, पश्चिम बंगाल के न्यू होराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष रविशंकर बसु द्वारा लिखा गया एक पत्र। इस में उन्होंने यह लिखा है कि मैं सी.आर.आई. से यह अनुरोध रखना चाहता हूँ कि श्री विकास कुमार सिंह जी को चीन का मैत्री पुरस्कार देने पर विचार कीजिये। मैं जानता हूँ की 1991 साल से चालू किया गया मैत्री पुरस्कार चीन का सबसे बड़ा पुरस्कार है, जो उन विदेशी विशेषज्ञों को दिया जाता है, जिन्होंने चीन के आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। मेरी आपसे यह विनती है कि सी आर आई हिंदी प्रसारण के आधुनिकीकरण में विपुल भूमिका पर विचार करते हुए श्री विकास कुमार सिंह जी का नाम State Administration of Foreign Experts Affairs (SAFEA) को सिफारिश करें। हिन्दी में एक विशेषज्ञ के रूप में कार्य करने के साथ साथ इस प्रतिभाशाली युवा कार्यक्रम उपस्थापक ने अपने चीनी सहयोगियों की मदद से CRI हिन्दी कार्यक्रम को एक नया आयाम दिया है।