चंद्रिमाः मधुर गीत के बाद अब हम ई-मेल से कुछ पत्र जुनकर पढ़ेंगे। आजकल हमारी ई-मेल में प्राप्त सब से ज्यादा पत्र तो तिब्बत की ज्ञान प्रतियोगिता से जुड़ी ई-मेल है। जवाब देने के साथ साथ हमारे बहुत श्रोताओं ने तिब्बत पर अपना अपना विचार भी पेश किया है। अब हम कुछ पढ़ेंगे।
विकासः कराची पाकिस्तान के श्रोता सैयद अनवर अब्बास रिजवी ने यह लिखा है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश है, जो चीन के नियंत्रण में चीन के एक प्रांत की तरह से हैसियत रखता है। यहां दुनिया का सबसे उंचा हवाई-अड्डा और रेलवे सुरंग बनाकर चीन की हुकूमत ने तिब्बत की अवाम को सहूलियत दी है। पिछले एक साल में तिब्बत की हालत को सुधारने के लिए चीन ने 34 मिलियन युवान खर्च किया है।
चंद्रिमाः लाहौर पाकिस्तान के नसीर अब्दुल गफ्फार ने अपनी ई-मेल में यह लिखा है कि तिब्बत चीन के नियंत्रण में एक ऐसा क्षेत्र है, जो दुनिया में सब से उंचा है। यहां आबादी कम और क्षेत्र बहुत ज्यादा है। यहां तिब्बती नस्ल की आबादी 92.6 है जबकि हान लोग 6.1 प्रतिशत है। तिब्बत माउंट एवरेस्ट के नॉर्थ में है, तिब्बत के लोग माउंट एवरेस्ट को चुमुलांगमा कहते हैं। तिब्बत में तरक्की की रफ्तार बहुत ज्यादा है, साल 2000 में इसकी जीडीपी 11.78 बिलियन युवान थी, जब कि साल 2011 में यह 60.5 बिलियन युवान हो गया। कृषि, खनिज, फंगस आदी बहुत ज्यादा है।
विकासः मेरे पास और एक ई-मेल है, जो लाहौर पाकिस्तान से ही है। इस में हमारे श्रोता उमैर सईद मलिक ने यह लिखा है कि चीन के नियंत्रण के तहत, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश है, यहां सात प्रशासनिक इकाइयां है। यहाँ तिब्बती जनजाति बहुमत में है, और एक दूसरे मोंपा जनजाति है। यहाँ का कामदो बामदा हवाई अड्डा दुनिया में सबसे ऊंचा हवाई अड्डा है। 12 वीं पंचवर्षीय विकास योजना चल रहा है। और चीनी सरकार ने तिब्बती लोगों के लिए 90 मिलियन युआन, 77 परियोजनाओं में खर्च किया है।