विकासः चंद्रिमा जी, तिब्बत के बारे में हमारे श्रोताओं को और ज्यादा जानकारी देने और प्यार बढ़ाने के लिए अब हम एक तिब्बत से जुड़ा गीत पेश करेंगे, ठीक है न?
चंद्रिमाः अच्छा सुझाव है। तो अब हम तिब्बती शैली का एक बौद्ध गीत पेश करेंगे। गीत के बोल हैं जिन्दा संसार। इस गीत में गायिका सा डिन डिन ने संस्कृत में बौद्ध धर्म का एक सूत्र गाया। अब हम एक साथ सुनें यह मधुर गीत।
विकासः इस मधुर गीत के बाद अब हम हमारे दो मोनिटरों की ताज़ा रिपोर्टों पर ज़रा ध्यान देंगे। छत्तीसगढ़ के ग्रीन पीस डी-एक्स क्लब के अध्यक्ष चुन्नीलाल कैवर्त ने अपनी रिपोर्ट में चीन का तिब्बत, भारतीय युवा प्रतिनिधिमंडल की चीन यात्रा, चीन का भ्रमण, न्यूशिंग स्पेशल और खेल जगत आदि कार्यक्रमों की चर्चा की। खास तौर पर उन्होंने सी.आर.आई.के संवाददाताओं के तिब्बत दौरा पर प्रकाश डाला कि विश्व की छत कहलाने वाला तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का विशिष्ट आकर्षण है। विश्व के सबसे शांतिपूर्ण क्षेत्रों में से एक तिब्बत का प्राकृतिक सुन्दरता भी अद्भुत और दर्शनीय है।
चंद्रिमाः उन्होंने यह भी लिखा है कि पिछले साल सी.आर.आई.के संवाददाताओं ने तिब्बत के नाछ्यु,लोका और लिनची प्रिफेक्चरों का दौरा करवाया और वहां की असली स्थिति पेश करने की कोशिश की थी, जो सार्थक और सफल रहा। इस बार सी.आर.आई.के संवाददाता,पश्चिमी तिब्बत में स्थित और 4500 मीटर ऊंची आली का दौरा करवाया जा रहा है, जो उपयुक्त और काबिलेतारीफ है। आली को छत पर छत कहा जाता है और जहां के अनोखे दृश्य देशी विदेशी पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। आशा है कि हम श्रोताओं को आली की प्रकृति व संस्कृति से जुड़ी रोचक एवं सूचनाप्रद रिपोर्ट व साक्षात्कार पढ़ने-सुनने को मिलेंगे।
विकासः चुन्नीलाल जी, हमारे संवाददाता ज़रूर इस दिशा में कोशिश करेंगे। अब हम नयी दिल्ली में स्थित हमारे मोनिटर राम कुमार नीरज की रिपोर्ट के कुछ अंश पढ़ेंगे। उन्होंने यह लिखा है कि रेडियो प्रसारण के संबंध में इतना जरुर है कि दिल्ली जैसे महानगर में भी आपके प्रसारण का स्तर एकदम उच्च क्वालिटी का है लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि तमाम बिजली से चलने वाले उपकरण आपके प्रसारण को हमेशा रोकने का प्रयास करते हैं या सुनने में बाधा उत्पन्न करते है। हां आपका इन्टरनेट प्रसारण चुस्त और दुरुस्त है और हम जैसे महानगरों में रहने वाले लोगों के लिय आपका इन्टरनेट संस्करण सबसे कारगर और व्यावहारिक है या दूसरे शब्दों में कहें तो सी आर आई के साथ जुड़े रहने का सबसे बड़ा माध्यम है।
चंद्रिमाः साथ ही उन्होंने यह लिखा है कि यदि मैं अपनी व्यक्तिगत बात करूँ तो आपके साईट को प्रतिदिन देखना मेरी आदत सी है। इस बार के खेल स्तम्भ में लन्दन ओलंपिक से जुडी खबरें बेहद रोचक और गंभीर है। मेरे ख्याल से लन्दन ओलंपिक से जुड़े खबरों के मामले में सी आर आई हिंदी सबसे आगे है। १३ जून को प्रकाशित रिपोर्ट के माध्यम से लंडन ऑलंपिक उदघाटन समारोह ब्रिटेन के गांवों की सुंदरता पर जोर देगा से सम्बंधित खबर एक तरफ रुचिकर थी, तो दूसरी तरफ वर्ष 2012 लंदन ऑलंपिक में भाग लेने वाला चीनी खेल प्रतिनिधि मंडल 10 जुलाई को पेइचिंग में स्थापना से संबंधित खबर भी दिल को छू गयी। मेरे ख्याल से आने वाले दिनों में इससे संबंधित और विस्तृत खबर आपको प्रस्तुत करने की जरुरत है। इससे श्रोताओं की संख्या के साथ साथ आपके प्रसारण की लोकप्रियता को बढ़ने में भी मदद मिलेगी।
विकासः राम कुमार निरज जी, आप को हमारे वेब का समर्थन देने का बहुत बहुत धन्यवाद। यहां हम सभी श्रोताओं को यह बताना चाहते हैं कि आप हमारी वेब पर पढ़ने के साथ साथ अपने पसंदीदा रिपोर्टों पर कॉमेंट भी लिख सकते हैं। कुछ दिनों पहले राय लिखने के स्तंभ में कुछ समस्याएं थी। इस के कारण हमारे नेटिज़नों ने अपने कॉमेंट नहीं लिखे, लेकिन अब वह बिल्कुल ठीक हो गया, और नये तरीके से हमारे नेटेज़नों के सामने दिखाया गया है। और हम आप लोगों को अपनी राय व विचार लिखने का स्वागत करते हैं।
चंद्रिमाः अब हम और एक पत्र पढ़ें। जौहरी कोठी, समस्तीपुर के इंटरनेशनल रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष पी.सी.गुप्ता ने अपने समस्त सदस्यगण की ओर से हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि नव वर्ष 2012 आप लोगों के जीवन में खुशियां ही खुशियां लाये एवं आप का स्नेह, आशीर्वाद और सहयोग हमारे कल्ब को सदैव मिलता रहे। ईश्वर से हमारी यही कामना है। बहुत बहुत धन्यवाद, गुप्ता जी। हालांकि आप का पत्र देर से हमारे पास पहुंचे, पर हम बहुत खुशी के साथ आप तथा इंटरनेशनल रेडियो लिस्नर्स कल्ब के सभी सदस्यों की शुभकामनाएं मानते हैं।
विकासः आगे उन्होंने लिखा है कि इस पत्र के साथ मैं श्रीमती इला मुखोपाध्याय द्वारा लीखित काव्य संकलन अनुभूति भेज रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार कीजिएगा एवं अपनी शुभकामनाएं भेजकर उन्हें उत्साहित कीजिएगा। ज़रूर गुप्ता जी। अब हम इस काव्य संकलन में एक कविता चुनकर पढ़ेंगे। नाम भी है अनुभूति। नीरवता छा गयी थी, चारों ओर। संगीत, शब्दों का हाहाकार, आपको छू नहीं पा रही थी, अपनी तरफ़ से। किन्तु मैं जानती हूं, आप विकसित हो, पुर्ण रुप से, अंतर्मन और आत्म अनुभूति से। श्रोता दोस्तो, अगर आप को कविता लिखने या पढ़ने का शौक है, तो हमारे साथ इसका मजा बांट सकते हैं।