चंद्रिमाः कोआथ रोहतास, बिहार के कहकशान रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष हाशिम आज़ाद ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम में ताजो मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी, जो अत्यन्त ही रोचक एवं ज्ञानवर्धक था। ताजो मंदिर एक विशाल ऐतिहासिक मंदिर है। जो अपने आप में एक मिसाल है। मंदिर के समीप चिंगोइयां पेड़ भी एक आकर्षण लिये हुआ है। आठ मीटर गोलाई वाला यह पेड़ भी एक मिसाल है। जो इतने सालों बाद भी हरा है। उस के दूसरी ओर पतला पेड़, जो उसी उम्र का है, वह भी एक आकर्षण है। यह सभी जानकारी देने के लिये सी.आर.आई. को बधाई।
विकासः साथ ही उन्होंने ये सवाल भी पूछे हैं कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बौद्ध धर्म के अलावा और किन-किन धर्मों के लोग रहते हैं?तिब्बत में बौद्ध धर्म के कुल कितने मंदिर हैं?अब मैं इन सवालों का जवाब देने की कोशिश करूंगा। तिब्बत में तिब्बती बौद्ध धर्म, तिब्बती मूल धर्म यानि बेन धर्म, और लोक धर्म तीन मुख्य धर्म हैं। उन के अलावा इस्लाम और कैथोलिक के अनुयानी भी रहते हैं। वर्तमान में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कुल 1700 से ज्यादा तिब्बती बौद्ध मठ हैं, उन में लगभग 4 लाख 60 हजार भिक्षु रहते हैं। बेन धर्म के मंदिर लगभग 88 हैं, उन में 3000 से ज्यादा भिक्षु मौजूद हैं, जीवित बुद्ध 93 हैं, और बेन धर्म के अनुयानी 1 लाख 30 हजार से ज्यादा हैं। तिब्बत में कुल चार मस्जिद हैं, इस्लाम के अनुयानी लगभग तीन हजार हैं। और कैथोलिक का एक चर्च है, इस के अनुयायी 700 से ज्यादा हैं।
चंद्रिमाः सब से पहले मैं विकास को तिब्बत के धर्मों के बारे में हमें इतनी उपयोगी जानकारियां देने के लिये बहुत धन्यवाद देती हूं। और बाद में मैं सभी श्रोताओं को यह कहना चाहती हूं कि अगर आप को तिब्बती बौद्ध मठ के बारे में जानकारी प्राप्त करने का शौक है, तो आप हमारे ऑनलाइन खेल में ज़रूर भाग लेंगे। क्योंकि इस में तिब्बत में स्थित सभी मशहूर बौद्ध मठों का परिचय दिया जाएगा।