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विकलांग लोगों की सहायता
2012-06-14 09:04:47

चंद्रिमाः अब हम ढ़ोली सकरा, बिहार के दीपक कुमार दास जी के पत्र की चर्चा करेंगे। वे भी हमारे एक पुराने श्रोता हैं, और चीन के तिब्बत को जानने का बड़ा शौक है। इस पत्र में उन्होंने तिब्बत के विकास पर खूब चर्चा की, साथ ही उन्होंने तिब्बत के लिये एक लंबी कविता भी हमें भेजी।

विकासः अब मैं इस कविता की कुछ पंक्तियां पढ़ूंगा। कविता का नाम है तिब्बत की साक्षरता। तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद, वहां साक्षरता रूपी किरण फैला है। आओ, तिब्बती बच्चे लगाएं जोर, और इस साक्षरता रूपी किरण को फैलाएं, हम चारों ओर। शिक्षक दे, हमें दान रूपी दान। विद्यार्थी इसे पाकर बने महान। समय के अभाव से हम इसे नहीं पूरा करेंगे। और कविता लिखने व भेजने के लिये दीपक जी का बहुत बहुत धन्यवाद।

चंद्रिमाः अब हम आज का अंतिम पत्र पढ़ेंगे। वह है केसिंगा, ओड़िशा के सुरेश अग्रवाल का। इस में उन्होंने एक बहुत अच्छा सुझाव दिया है। उन्होंने लिखा है कि "आपकी आवाज़ ऑनलाइन" कार्यक्रम के अन्तर्गत ओरैया, उत्तर प्रदेश के श्रोता भाई भरत कुमार वर्मा से मिला और उनके मन की बात जान कर बहुत अच्छा लगा। मेरा सुझाव है इस कार्यक्रम के तहत आने वाले श्रोताओं की सहमति से उनका पता और फ़ोन नम्बर भी प्रसारण के दौरान बतला दिया जाये, ताकि इच्छुक श्रोता एक-दूसरे से संपर्क कायम कर सकें। विकास जी, आप को कैसा लगा यह सुझाव? क्योंकि आप तो इस कार्यक्रम के होस्ट हैं।

विकासः मेरे ख्याल से यह एक बहुत अच्छा व सार्थक सुझाव है। और आज के आप की आवाज ऑन लाइन कार्यक्रम से हम ऐसा करेंगे। अगर इन्टरव्यू देने वाले श्रोता अपना पता व मोबाइल नंबर अन्य श्रोताओं के साथ बांटना चाहते हैं, तो हम कार्यक्रम के अंत में इसे प्रसारित करेंगे। और यहां हम सुरेश जी को इतना सकारात्मक सुझाव देने के लिये बहुत धन्यवाद देते हैं।

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