विकासः औरेया, उत्तर प्रदेश के खान रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष अमानत उल्ला खान ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि श्रोता वाटिका पत्रिका का नया अंक प्राप्त हुआ, बहुत बहुत धन्यवाद। पत्रिका संपादन में आप की लगन और परिश्रम देखने को मिला। लेख बहुत अच्छे लगे। पत्रिका में श्रोताओं के फोटो भी शामिल हैं। मैंने कई बार अपना फोटो पत्रिका प्रकाशन हेतु आप को भेजा, लेकिन आपने एक बार भी हमारा फोटो पत्रिका में नहीं छापा। क्या कारण है?
चंद्रिमाः अमानत जी, अगर हमें श्रोताओं के पत्रों में फोटो या कविता जैसे सामग्री मिलते हैं, तो ज़रूर श्रोता वाटिका के संपादक को सौंप दिये जाते हैं। शायद आप की बारी नहीं पहुंची, या शायद आप की फोटो बहुत साफ़ नहीं है, या वे डाक के लंबे रास्ते पर खराब हो गये, कई कारणों से कुछ श्रोताओं की फ़ोटो का प्रयोग नहीं किया जा सकता। जैसे हमने पिछले श्रोता के पत्र के जवाब में कहा था कि अगर आप के पास डिजिटल फ़ोटो होती है, तो अगली बार आप सीधे से हमारी ई-मेल में भेज सकते हैं। हमारा ई-मेल पता हैः hindi@cri.com.cn।
विकासः इस पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि हमारे कल्ब द्वारा प्रतिमाह एक कल्ब न्यूज़लेटर प्रकाशित किया जाता है, जिसमें रेडियो चीन की हिन्दी सेवा के विषय में कई बार सामग्री प्रकाशित की जा जुकी है। हमारा कल्ब न्यूज़लेटर कल्ब के 262 सदस्यों को भेजता है। अमानत उल्ला खान साहब, आप के कल्ब की यह कार्रवाई बहुत सराहनीय है। मेरे ख्याल से अन्य श्रोता कल्ब भी खान रेडियो लिस्नर्स कल्ब से सीख सकते हैं।