चंद्रिमाः मधुर गीत के बाद अब हम फिर पत्र पढ़ना जारी करते हैं। दुर्ग छत्तिसगढ़ के आनन्द मोहन बैन ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि आप के कार्यक्रम में भुपेन हजारिका के गीत सुनाकर आपने सच्चे श्रद्धांजलि प्रस्तुत किया। हजारिका अपने आप में एक सांस्कृतिक व्यक्तित्व है। पाकिस्तान के श्रोता नईम से बातचीत सुना, बहुत अच्छा लगा। मैं सी.आर.आई. के कार्यक्रम 1985 से सुन रहा हूं। इस में काफ़ी परिवर्तन आया है, लेकिन वेबसाईट उस में सब से अधिक सराहनीय है। रेडियो मास्को, जापान के कार्यक्रम सप्ताह भर कार्यक्रम वेब साईट पर रखता है, आप को भी ऐसा प्रयास करना चाहिए।
विकासः आनन्द जी, आप की राय बहुत सराहनीय है। हमारी भी यही इच्छा है। हमने अपने हर दिन के कार्यक्रम वेब पर डाल दिये हैं, लेकिन कुछ तकनिकी कारणों से वह ऑडियो भारत में नहीं खोला जा सकता है। हमने कई बार यह समस्या तकनीक विभाग के सामने रख दी। लेकिन अभी तक उन का कोई जवाब नहीं है। पर समाचार के अलावा हमारे बहुत कार्यक्रम आप हमारी वेबसाइट पर सुन सकते हैं। जैसे आज का आप का पत्र मिला कार्यक्रम, आप को हमारी वेब पर श्रोता कल्ब के कॉलम में मिल सकता है। इस में कार्यक्रम की रिपोर्ट, ऑडियो व संबंधित फ़ोटो आदि शामिल हैं।
चंद्रिमाः रोहतक, हरियाणा के रोहतक रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष नरेश चावला ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि सी.आर.आई. के सारे स्टाफ़ को व सारे श्रोता बंधुओं को सी.आर.आई. की 70वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारी दुआ है कि सी.आर.आई. हमेशा फले फूले हो, सी.आर.आई. व हमारा प्यार हमेशा यूं ही बना रहे। हालांकि यह पत्र ज़रा देर से हमारे पास पहुंचा, पर हम नरेश चावला जी, तथा रोहतक रेडियो श्रोता संघ के सभी सदस्यों को सच्चे दिल से धन्यवाद देते हैं। इस पत्र के साथ उन्होंने अपने कल्ब के सदस्यों की कुछ फ़ोटो भी भेज दी, लेकिन वे सभी असली फ़ोटो के स्केन है, जो बहुत साफ़ और रंगारंग नहीं है। इसलिये हम अपनी पत्रिका श्रोता वाटिका में उन्हें शामिल नहीं कर सकते। अगली बार आप लोग फ़ोटो स्कैन या डिज़िटल फ़ोटो सीधे से हमारी ई-मेल में भेज सकते हैं। यह तो ज्यादा अच्छा होगा।