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चीन की प्रसिद्ध गायिका वेई वेई
2012-06-06 14:20:55

चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को चंद्रिमा का प्यार भरा नमस्कार।

विकासः आप सभी को विकास का भी नमस्कार।

चंद्रिमाः तो चलिए आज के कार्यक्रम की शुरूआत हम ओड़िसा के हमारे श्रोता राजिन्द्र बरिहा के पत्र से करते हैं। इस लंबे पत्र में उन्होंने हमारे कई कार्यक्रमों की चर्चा की। जैसेः उन्होंने न्यूशिंग स्पेशल पर यह लिखा है कि महिलाओं के उत्थान के बारे में अवगत कराने वाला न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम सच में अत्यंत लोकप्रिय है। समसामयिक विषय पर चर्चा करने के अलावा अनुभवी व्यक्तियों को भी मिलता है। इस के लिये हेमा दीदी को बहुत धन्यवाद।

विकासः एक विशेष कार्यक्रम की चर्चा में उन्होंने यह लिखा है कि विश्व कवि रविन्द्रनाथ टेगोर के साहित्यिक जीवन और उन के उल्लेखनीय कृतियों के बारे में चर्चा के साथ उन का बांगला साहित्य के साथ राष्ट्रगान का अमूल्य किर्ती के बारे में अच्छा तथ्य प्रस्तुत किया गया। साहित्य के क्षेत्र में एशिया में पहला नोबेल पुरस्कार विजेता श्री टेगोर के बारे में एक विशेष कार्यक्रम सुनने को मिला। प्रस्तुत कर्ता को कोटि कोटि धन्यवाद। राजिन्द्र जी, आप को भी हमारा कार्यक्रम उत्साहपूर्वक सुनने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

चंद्रिमाः अब मेरे हाथ में यह पत्र है मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल के आई.आर.एल. कल्ब ऑफ़ पीस की अध्यक्ष मिस. रुबिना सुलताना द्वारा भेजा गया। इस में उन्होंने अंग्रेजी में यह लिखा है कि मैं सी.आर.आई. हिन्दी सेवा की नियमित श्रोता हूं। क्या आप हमारे कल्ब को अपने मेल लिस्ट में शामिल करके हमें नियमित रूप से सी.आर.आई. के महत्वपूर्ण सामग्री भेज सकते हैं?ज़रूर रुबिना बहन, हम ज़रूर आप की इच्छा पूरी करेंगे। आज से आप को ठीक समय पर हमारी पत्रिका श्रोता वाटिका तथा अन्य सामग्री मिल सकेंगे।

विकासः अगला पत्र मुबारकपुर आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश के प्रिंस रेडियो लिस्नर्स कल्ब के वसीम फातिमा ने लिखा है। पत्र का विषय ऐसा हैः प्रिय चंद्रिमा दीदी, हम कुशलतापूर्वक आप का कार्यक्रम अत्यन्त रूचि से सुनते हैं, और आप की सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में बड़ी रुचि से भाग लेते हैं। लेकिन हमारे कल्ब को कभी पुरस्कार नहीं मिला। ऐसा क्यों?तो चंद्रिमा दीदी, क्या आप इस सवाल का जवाब दे सकेंगी?

चंद्रिमाः ओह, वसीम भाई, यह सुनकर हम भी बहुत दुखी हैं। शायद संयोग आपके साथ नहीं है कोई बात नहीं। शायद आपने यह बात भी सुनी है कि भगवान ने यहां का द्वार बंद किया, पर वहां की खिड़की आप के लिये खोल दिया। इसलिये चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मुझे विश्वास है कि अगर आप लगातार हमारी प्रतियोगिता में भाग लेते हैं, तो कोई न कोई दिन आप अवश्य सफल होंगे।

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