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अमीर भाई को बधाई
2012-05-31 15:45:05

विकासः अच्छा, मधुर गीत के बाद अब देखिये किस पत्र की बारी आयी है। दक्षिण दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल के रेडियो लिस्नर्स कल्ब के सचिव रतन कुमार पॉल ने हमें भेजे ई-मेल में यह लिखा है कि हमारे कल्ब के सभी सदस्य सी.आर.आई. के हिन्दी कार्यक्रम को पसंद करते हैं, और हर दिन आप लोगों की सुन्दर वेबसाइट को पढ़ते हैं। हम आप लोगों से बातचीत करना चाहते हैं। अगर हो सके, तो बुधवार को आप की आवाज़ ऑनलाइन कार्यक्रम या टॉप-5 कार्यक्रम में मुझ से इन्टरव्यू लीजिये। और हमारे कल्ब को श्रोता वाटिका भी भेजिये। धन्यवाद। रतन जी, हम ज़रूर आप को फ़ोन करेंगे और श्रोता वाटिका भेजेंगे। आप इंतजार कीजिये।

चंद्रिमाः जमशेदपुर झारखण्ड के SBS WORLD LISTENER CLUB के अध्यक्ष एस.बी. शर्मा जी ने हमारे वेब पर एक न्यूज़ की चर्चा की। उन्होंने अपने ई-मेल में यह लिखा है कि चीन ने वर्ष 2011 अमेरिका का मानवाधिकार रिकार्ड जारी किया। यह रिपोर्ट सी आर आई के हिंदी व अंग्रेज़ी दोनों वेब साईट पर 25 मई को दिख रहा है। जैसा की आपको मालूम है मैं सी आर आई का हिंदी और अंग्रेजी दोनों वेब साईट पर प्रतिदिन समाचार एवं अन्य सामग्रियां पढ़ता हूं। इसी तरह मैं CRI हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों रेडियो सेवा को भी सुनता हूँ।

विकासः साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि आज मैं यह समाचार दोनों वेब साईट पर पढ़कर इसके गंभीरता से वाकिफ हुआ, यह काफी संवेदनशील मुद्धा है। अमेरिका की मानवाधिकार रिपोर्ट ने फिर विश्व के लगभग 200 देशों और क्षेत्रों की मावाधिकार स्थिति पर मनमानी टिप्पणी की और चीन के मानवाधिकार कार्य पर आरोप लगाया, लेकिन अपनी खराब मानवाधिकार स्थिति की अनदेखी की। चीन की यह रिपोर्ट अमेरिका का पोल खोल दिया।

चंद्रिमाः यह सच है कि हमें मानवाधिकार पर ध्यान देना चाहिए। यह हर समाज व हर सरकार की जिम्मेदारी है। और चीन सरकार भी इस दिशा में अपनी पूरी कोशिश कर रही है। अगर दूसरे देश चीन का विकास अच्छी तरह से करने के लिये मानवाधिकार से जुड़े रचनात्मक सुझाव पेश करते हैं, तो हम ज़रूर इन्हें धन्यवाद के साथ मानते हैं। पर अगर कोई देश या कोई व्यक्ति मानवाधिकार के नाम पर चीन के अंदरूनी मामलों पर हस्तक्षेप करना चाहते हैं। तो हम ज़रूर उन का विरोध करेंगे।

विकासः जी हां, मानवाधिकार मामले पर न सिर्फ़ चीन, बल्कि सभी देशों को यह रुख अपनाना चाहिए। अच्छा, अब हम इस चर्चा को खत्म करके पत्र पढ़ने को जारी रखें। ढ़ोली सकरा, मुजफ़्फ़रपुर के श्रोता जसीम अहमद ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि 8 नवंबर के कार्यक्रम में काफ़ी दिलचस्प जानकारी मिली। चीन में कितने लोग दिर्घायु हैं, उस के विषय में विस्तार से जानकारी मिली। साथ ही 113 वर्ष के लोग भी चीन में मौजूद हैं। एक नहीं तीन या चार इन्सान ऐसे हैं, जिन की उम्र 113 या उस से ज्यादा है। शायद भारत में इतनी लंबी उम्र के लोग मौजूद नहीं है।

चंद्रिमाः जसीम अहमद जी, आप शायद नहीं जानते हैं कि हाल के कई वर्षों में चीन के बुजुर्ग स्वास्थ्य पर बड़ा ध्यान देते हैं। उचित कसरत करने के साथ साथ वे स्वस्थ भोजन करने और जीवन बिताने के सही तरीके पर भी गौर करते हैं। और चीन का परंपरागत चिकित्सा भी लोगों के दीर्घायु के लिये लाभदायक है। खास कर चीन के कुछ टी.वी. चैनलों में या कुछ पुस्तकों में बुजुर्गों को स्वस्थ जीवन कैसे बिताने की शिक्षा भी दी जाती है, जो बहुत लोकप्रिय हैं। इसलिये दीर्घायु लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है।

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