विकासः मेरे पास और एक पत्र है, जो ज़रा देर से हमारे पास पहुंचा है। वह है कोआथ रोहतास, बिहार के विशाल रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष एस.के. जिंदादिल द्वारा लिखा गया। इस में उन्होंने लिखा है कि मैं सी.आर.आई. द्वारा चल रहा तिब्बत का कायापलट शीर्षक ज्ञान प्रतियोगिता में अपने कल्ब सदस्यों के साथ पूरी मेहनत लगन से आजकल प्रश्नवाली को सही सही भरकर सभी निशान लगाएं हैं। आशा है कुछ अच्छा परिणाम मिल सके। और श्रोता वाटिका अंक 28 मिला। पढ़कर अगले पत्र में बताऊंगा। अच्छा, जिनदादिल भाई, हम हमेशा आप के पत्रों की प्रतीक्षा में हैं।
चंद्रिमाः कार्यक्रम समाप्त होने से पहले हम और एक पत्र पढ़ने की कोशिश करते हैं। पश्चिम बंगाल के वर्ड DX-ING कल्ब के अध्यक्ष माधब चंद्र सागौड़ जी ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि मैं लगभग 28 साल से रेडियो पेइचिंग से सुनता आ रहा हूं। कृपया मुझे मोनिटर के लिये चुनाव करें एवं सी.आर.आई. का सेवा करने का मौका दें।
विकासः माधब चंद्र सागौड़ जी, हमें भी आशा है कि हमारे ज्यादा से ज्यादा श्रोता हिन्दी कार्यक्रम के मोनिटर बन सकेंग। लेकिन केवल दो व्यक्तियों को औपचारिक मोनिटर बना सकते हैं। और सी.आर.आई. के संबंधित नियम के अनुसार इस बार हमारे हिन्दी विभाग के औपचारिक मोनिटर की अवधि दो साल है, यानि वर्ष 2011 से वर्ष 2012 तक है।
चंद्रिमाः यहां हम सभी श्रोताओं को यह कहना चाहते हैं कि मोनिटर चुनने में हमारी कई शर्तें भी होती है, जैसे वे हमारे हिन्दी कार्यक्रम के सक्रिय श्रोता हैं, हमारी वेबसाइट के नेटेज़न हैं। खास तौर पर वे हिन्दी भाषा यानि सही सही हिन्दी लिपि में ई-मेल द्वारा हमें पत्र भेज सकते हैं। क्योंकि कभी कभी कुछ महत्वपूर्ण रिपोर्ट पर जल्द ही श्रोताओं की प्रतिक्रिया चाहिए। अगर डाक द्वारा पत्र भेजा जाता है, तो वह बहुत देर से हमारे पास पहुंचता, और उसी समय इस प्रतिक्रिया का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।
विकासः बाकी शर्त यह है कि अगर मोनिटर अन्य श्रोताओं से संपर्क रख सकते हैं, और अक्सर अन्य श्रोताओं की राय व सुझाव इकट्ठा करके हमें बता सकते हैं। तो ऐसे मोनिटर और ज्यादा अच्छे होंगे। संक्षेप में कहा तो मोनिटर को सी.आर.आई. के लिये अपने प्रेम व मूल्यवान् समय का प्रयोग करना पड़ेगा।
चंद्रिमाः जी हां। श्रोता दोस्तो, अगर आप के ख्याल से आप भी ऐसे मोनिटर बन सकते हैं, तो हमें ई-मेल द्वारा बताइये ।
विकासः इस के साथ हमारा आज का कार्यक्रम समाप्त होता है। अगले हफ्ते हम यहां फिर मिलेंगे। नमस्कार।
चंद्रिमाः नमस्कार।