विकासः अब मेरे पास नयी दिल्ली स्थित हमारे एक श्रोता का पत्र है। वे हैं डाक्टर अनिस फासिह। पत्र में उन्होंने लिखा है कि मैं हमेशा सी.आर.आई. के कार्यक्रम सुनता हूं। मेरे मित्र डॉ.उमर भी अक्सर आप लोगों के कार्यक्रम सुनते हैं। और उनके परिचय से मैंने सी.आर.आई. को जाना और सुनना शुरू किया। मुझे बहुत गर्व है कि हमारे पड़ोसी देश चीन से हम हिंदी कार्यक्रम सुन सकते हैं। मैं सी.आर.आई. से चीन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां प्राप्त करना चाहता हूं। और मैं सी.आर.आई. द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं व गतिविधियों में भी भाग लेना चाहता हूं। कृपया मेरा पता आप डाक लिस्ट में शामिल कीजिये। ताकि मैं नियमित रूप से आप लोगों द्वारा भेजे गये सामग्री प्राप्त कर सकूंगा।
चंद्रिमाः ज़रूर अनिस साहब, हम ज़रूर आप की इच्छा पूरी करेंगे। और आशा है आप उमर साहब की तरह आप के दोस्तों के बीच सी.आर.आई. का प्रचार प्रसार करेंगे। अब बारी है नयापारा, ओड़िसा के चीन मैत्री कल्ब के अध्यक्ष हेम सागर नाएक की।
विकासः अपने पत्र में नायक भाई ने लिखा है कि दिनांक 22 अगस्त, 2011 के चीन भ्रमण कार्यक्रम के अन्तर्गत जोखांग मठ के बारे में दिया गया जानकारी काफ़ी अच्छा लगा। साथ ही आजकल के कार्यक्रम, जो नई स्वरुप में प्रासरित हो रहा, ठीक है। परंतु शनिवार को आप की पसंद में हिन्दी गीत सुनाया जाता हैं, और इतवार को भी टॉप 5 कार्यक्रम में भी हिन्दी गीत सुनाया जाता है। मतलब दोनों दिन के कार्यक्रम एक जैसा लगता है। इसलिये कृपया इस का फेरबदल करना चाहिए। टॉप 5 के स्थान पर चीन की अल्पसंख्यक जाति के बारे में कुछ जानकारियां दी जाएं तो काफ़ी अच्छा होगा। उमीद है आप इस पर विचार करेंगे।
चंद्रिमाः नायक भाई, आपने सही कहा कि अगर हम दो दिन एक शैली का कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं, कुछ उबाउ लगता है। हम ज़रूर यह सलाह हमारे नेता को बताएंगे। अच्छा, कार्यक्रम के अंत से पहले हम और एक पत्र पढ़ने की कोशिश करें। बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के आदर्श श्रीवास रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष पारस राम श्रीवास ने हमें एक बहुत लंबा सा पत्र भेजा है। इस में उन्होंने सब से पहले यह लिखा है कि आदरणीय विकास जी एवं चंद्रिमा जी को मेरा प्यार भरा नमस्ते तथा आप सभी को दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।