विकासः हमारे पुराने दोस्त, ढोली सकरा, बिहार के दीपक कुमार दास ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि एक अक्तूबर वर्ष 2011 को दक्षिण एशिया फोक्स के अंतर्गत दक्षिण एशिया के उच्च शिक्षा पर राकेश जी की समीक्षा सटीक एवं स्पष्ट थी। भारत में चौदह साल तक के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा देने का कानून बने हुए डेढ़ साल होने वाले हैं। इस कानून पर अमल महज सामाजिक दायित्व की पूर्ती ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया भी है। हालांकि सभी राज्य सरकारें शिक्षा की महत्ता का बखान करती रहती है, लेकिन जब इस दिशा में कुछ करने की बारी आती है, तो वे तरह तरह के बहाने से लैस हो जाती है। यह ठीक नहीं कि केंद्र सरकार इन बहानों को तवज्जों दे रही है। दीपक कुमार दास जी ने हमारे कार्यक्रम सुनकर भारत की उच्च शिक्षा पर अपनी राय भी दी, इस के लिये बहुत बहुत धन्वयाद।
चंद्रिमाः विकास जी, मेरे हाथ में यह पत्र भी दीपक कुमार जी से संबंधित है। हमारे श्रोता हरियाणा के उमेश कुमार ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि श्रोता बंधु दीपक कुमार दास से हेमा जी की बातचीत सुनी। चीनी खान-पान के अनुभव जाने। इन दिनों यहां भारत में चीनी खाना उपलब्ध है। हमारे क्षेत्र में लोग विवाह, पार्टियों में चीनी स्टाल लगाते है। चाओमिन कई मर्तबा खाई है, अच्छी लगती है। उमेश भाई ने बिल्कुल सही कहा। जब मैं भारत में थी, तो भारत के बहुत जगहों में चीनी भोजन खा सकती थी। और देखने में भारतीय लोगों को चीनी भोजन बहुत पसंद है। हालांकि उन का स्वाद चीन में एक ही तरह नहीं है, पर वे भी बहुत स्वादिष्ट हैं।
विकासः जी हां, इस पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि चीन का तिब्बत कार्यक्रम में देशी-विदेशी पत्रकारों की चीन यात्रा के अनुभव जाने। तिब्बत के वर्तमान समय में चीन सरकार के प्रयासों से उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। तिब्बती लोगों का जीवन स्तर सुधर रहा है। गायिका थानचिन की आवाज़ में आकाश में तिब्बत नामक गीत सुना, अच्छा लगा। उमेश भाई, हमारे कार्यक्रम पर आप की प्रशंसा का बहुत बहुत धन्यवाद।
चंद्रिमाः अच्छा, पत्र पढ़ने के बाद अब हम एक मधुर भारतीय गीत साथ साथ सुनें। गीत के बोल हैं कुछ कुछ होता है।