चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशन है। आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुनने का हार्दिक स्वागत है। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।
विकासः और मैं हूं आप का दोस्त, विकास।
चंद्रिमाः श्रोता दोस्तो, आज का पहला पत्र है मिदनापुर पश्चिम बंगाल के चेतक लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष एस. भट्टाचार्य का। इस में उन्होंने लिखा है कि आप हमारी तरफ़ से हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें। हम लोग आप का कार्यक्रम नियमित रूप से सुनते हैं। सचमुच सी.आर.आई. हिन्दी सेवा का सारे संसार में एक विशिष्ट स्टेशन है। सी.आर.आई. से प्रसारित सभी कार्यक्रम मुझे अच्छे लगते हैं। कृपया कार्यक्रम में कोई बदलाव न करें।
विकासः भट्टाचार्य साहब, सब से पहले हम अपने कार्यक्रमों पर आप की प्रशंसा के लिए आपका धन्यवाद देते हैं। पर कार्यक्रम में कोई बदलाव न करने की मांग शायद हम स्वीकार नहीं कर सकें। क्योंकि समाज तो बदल रहा है, श्रोता के विचार भी बदल रहे हैं। और हमारे कार्यक्रम कैसे न बदलें ? पर हम ज़रूर श्रोताओं के रुचि के आधार पर कार्यक्रम का तरीका व विषय बदलेंगे।
चंद्रिमाः जी हां, विकास जी, आप ने बिल्कुल ठीक कहा। हमारे कार्यक्रम इसलिये इतने रंगारंग हैं, क्योंकि हम अक्सर श्रोताओं की राय पर इसे बदलते हैं। तो श्रोताओ, अगर आपके पास कोई अच्छा सुझाव हो, तो हमें ज़रूर बताइये। शायद अगली बार हमारे कार्यक्रम आप के सुझाव के आधार पर बदलेंगे। अब मेरे हाथ में यह पत्र मऊनाथ, भंजन, उत्तर प्रदेश के चैंपियन रेडियो लिस्नर्स कल्ब के श्रोता सलमान अहमद अंसारी, अरमान अहमद अंसारी आदि द्वारा भेजा गया। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि हम सी.आर.आई. के बहुत पुराने श्रोता हैं। कार्यक्रम सुनना, पत्र लिखना, दूसरों को सुनने का निवेदन करना, अपना फर्ज समझते हैं। हमें सी.आर.आई. के तमाम कार्यक्रम पसंद है। आप का पत्र मिला, आप की पसंद, चीन का भ्रमण, खेल जगत आदि। खेद की बात है कि इनाम में टी.शर्ट कपड़ा आदि दिया जाता है। मेरा सुझाव है कि पहला पुरस्कार प्राप्त करने वाले श्रोताओं को रेडियो, मोबाइल, कंप्यूटर दिया जाए। ओह, सलमान साहब, आप लोग शायद निराश होंगे। क्योंकि हमारे पुरस्कार की सूची में रेडियो के अलावा अन्य सभी चीज़ें, जो आपने कहा, प्राप्त नहीं हैं। और रेडियो की संख्या भी सीमित है। पर हम कोशिश करेंगे कि अगली प्रतियोगिता में हम पहला पुरस्कार मिलने वालों को रेडियो दें।