कसांग वांगत्वे ने हमें विश्राम के लिये एक ईटों से बने पक्के मकान में बिठा दिया। फिर उन्होंने कई युवकों के साथ सूखी घासों को ठीक ठाक कर मकान के छत पर उठा दिया। उन्होंने कहा कि यह मकान मनपा जाति की विशेषता युक्त मकान है, वह तिब्बती निर्माण वास्तु शैली वाले मकान से अलग है, इस मकान की कुल तीन मंजिले हैं, सब से ऊपरी मंजिल पर रहने के बजाये मुख्यतः सूखी चारा खास रखने के लिये सुरक्षित है। इसकी चर्चा में कसांग वांगत्वे ने कहा:
"यह मकान मनपा जातीय आवास की विशेषता से युक्त है। मकान की सब से ऊपरी मंजिल चारा घास सुखाने व रखने का काम देती है, मध्यम मंजिल रहने के लिये छोड़ी गयी है और पहली मंजिल गोदाम का काम देती है। लेग्पो क्षेत्र का वातावरण काफी नम है, यदि ताजा चारा घास सूखाने के लिये कोई जगह उपलब्ध नहीं है, तो घास आसानी से सड़ जाती है। जी हां, हमारी कृषि फसलें भी कभी कभार ऊपरी मंजिल पर भी रखी जाती हैं ।"
कसांग वांगत्वे ने कहा कि मनपा जातीय निर्माण वास्तु शैली से निर्मित मकान की सब से बड़ी विशेषता है कि सर्दियों में ज्यादा ठंड ही नहीं, गर्मियों में ज्यादा गर्मी भी नहीं है। क्योंकि पहली व तीसरी मंजिलों पर लोग नहीं रहते हैं, इसलिये जमीन पर उत्पन्न नमी और ठंडा वातावरण मकान के बाहर बाधित हो जाता है, लोग मध्यम मंजिल पर रहने में बहुत आरामदेह हैं।
कसांग वांगत्वे के पारिवारिक होटल में कदम रखते ही जातीय विशेषता स्पष्ट रुप से नजर आती है। मकान के भीतर तिब्बती सजावटों से सुसज्जित है, मसलन कमरे के छत पर मंगलसूचक तिब्बती चित्र चित्रित हुए हैं। क्योंकि मनपा जाति और तिब्बती जाति लम्बे अर्से से साथ-साथ रहती आयी हैं और एक दूसरे को प्रभावित करती हैं, इसलिये उन की जीवन शैली और संस्कृति बहुत मिलती जुलती है। कसांग वांगत्वे का यह पारिवारिक होटल बहुत साफ सुथरा है, कमरे में दसेक बिस्तर लगे हुए हैं, हरेक बिस्तर पर मनपा जाति के हस्तनिर्मित कम्बल बिछाया गया है, यह ऊनी कम्बंल बहुत मुलायम लगता है । साथ ही टी वी सेट, डी वी डी, इलेक्ट्रिक केतली जैसे आधुनिक घरेलू विद्युत उपकरण उपलब्ध हुए हैं। कसांग वांगत्वे ने कहा कि पर्यटन के व्यस्त मौसम में उन का यह पारिवारिक होटल बाहर से आने वाले पर्यटकों से खचाखच भर जाता है, बहुत गरमागरम माहौल व्याप्त है। उन के इस पारिवारिक होटल में पर्यटक उन के घरवालों के साथ रहते ही नहीं, नजदीगी से मनपा जातीय वासियों की हालिया जीवन हालत को अनुभव कर लेते हैं, साथ ही मनपा जाति के विशेष स्वादिष्ट आहारों का मजा भी ले सकते हैं। कसांग वांगत्व का कहना है:
"मेरी बेटी बाहर में नौकरी करती है, मेरे घर पर नाच-गान करने वाला कोई युवक नहीं है। लेकिन यदि पर्यटक मनपा जाति का कोई विशेष स्वादिष्ट आहार खाना चाहते हैं, तो हम उन के लिये आसानी से बना लेते हैं। हमारे आहार में मुख्यतः आटे की चपाती, चिपचिपे चावल से तैयार पकवान, हरी प्याज और हरी सब्जि इत्यांदि उपलब्ध है।"