क्वांगतुंग के लोग खाने-पीने के बहुत शौकिन होते हैं। रेल यात्री चोउ क निंग ने देखा कि क्वांग-तिब्बत रेल में खाने का बहुत सारा सामान मौजूद होता है। यहां पर सछ्वान, हूनान, तिब्बती, मुस्लिम, पश्चिमी आदि सभी तरह का खाना मिलता है। क्वांग-तिब्बत रेल के अधिकारी मा शिन ने कहा कि इतना सारा व्यंजन तैयार करना बहुत मुश्किल होता है। विशेष रूप से जब समुद्रतल से अधिक ऊंचाई पर गाड़ी पहुँचती है तो खाना पकाना और ज्यादा मुश्किल हो जाता है। यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारे रसोईए पहले ही भोजन तैयार कर लेते हैं। क्वांग-तिब्बत रेल के अधिकारी मा शिन ने कहा:
"यहाँ पर चावल पकने में दो घंटे लगते हैं। मांस पकाने के लिए एक दिन का समय लगता है।"
क्वांगचोउ से ल्हासा पहुँचने में लगभग 55 घंटा लगता है। क्वांग तुंग वासी छ्वी यी ने कहा कि, ट्रेन परिचालक स्वयं यात्रियों के साथ बातचीत करते हैं। वे यात्रियों को कभी कभार विभिन्न जगहों के रीति-रिवाजों, रहन-सहन आदि का परिचय देते हैं। इस पूरे सफर में ट्रेन परिचालक और यात्री दोस्त बन जाते हैं। इस की चर्चा में क्वांग-तिब्बत रेल के अधिकारी मा शीन ने कहा कि ट्रेन पकिचालक कभी-कभी यात्रियों को आश्चर्यचकित भी कर देते हैं। उनका कहना है:
"एक बार एक यात्री ने बातचीत के दौरान कहा कि आज उसका जन्मदिन है। ट्रेन परिचालक ने तुरंत इसकी सूचना अपने नेता को दिया। हमलोगों ने अगले स्टेशन पर एक केक बुक किया। जब ट्रेन अगले स्टेशन पर पहुँचा तो हम केक खरीदकर ले आए। फिर उस यात्री को बुलाकर केक दिखाया। यह सब देखकर वह खुश होने के साथ-साथ आश्चर्यचकित भी था।"