उत्तर पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत के दक्षिणी हिस्से में कान्नान तिब्बती प्रिफेक्चर स्थित है, जहां के प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर हैं। इसी प्रिफेक्चर की चोनी कांउटी में 10 वर्षीय तिब्बती लड़की मईमई रहती है। उसकी एक छोटी और सरल सी अभिलाषा है, लेकिन आज तक इसे साकार नहीं किया जा सका है। मईमई की आशा है स्कूल जाने की। हर रोज़ उसके समान उम्र वाले दूसरे लड़के-लड़की स्कूलबैग पीठ पर लाद कर खुशी खुशी स्कूल जाते हैं, लेकिन मईमई को घर में अपनी सबसे प्रिय पुस्तक——गणित पाठ्यपुस्तक को देखना पड़ता है। जन्म के समय से ही हृदय रोग से ग्रस्त मईमई दूसरे बच्चों की तरह सामान्य तौर पर स्कूल नहीं जा सकती।
मईमई एक शांत लड़की है, जो देखने में अपनी उम्र वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा पतली लगती है। जब हमने उसके साथ बाचचीत करना चाहा, तो उसे शर्मिंदा हुई और मां के पीछे जा छिपी। कुछ देर बाद वह रोने लगी और उसने एक भी वाक्य नहीं बोला। अपनी बेटी की ऐसी हालत पर मईमई की मां ने दुखी होकर कहा:
"नौ महीने की उम्र तक हमें उसकी स्थिति सामान्य नहीं लगती थी। लेकिन उस समय हम अपनी बेटी पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। बाद में स्थिति अधिक गंभीर होने के कारण हम उसे लेकर कांउटी अस्पताल गए। जांच में पता चला कि उसे जन्म के समय से ही हृदय रोग है। फिर हम उसे लेकर कान्नान प्रिफेक्चर की राजधानी हचो शहर गए। उस समय वह 4 वर्ष की थी।"
बेटी के रोग की चर्चा करते हुए मईमई की मां बहुत दुखी हो जाती है। उसने कहा कि इस रोग की जांच किये जाने के बाद उचित समय पर मईमई का इलाज नहीं किया गया। क्योंकि उस समय उनके और पति के पास चिकित्सीय जानकारी कम थी। उन्हें आशा थी कि बेटी का स्वास्थ्य समय के साथ साथ स्वयं ही ठीक हो जाएगा। लेकिन 4 वर्ष की उम्र में माता-पिता मईमई को लेकर कान्नान तिब्बती प्रिफैक्चर की राजधानी हचो शहर गए, वहां के डॉक्टर ने खेद से उन्हें बताया कि ऑपरेशन करना अत्यंत खतरनाक है और स्थानीय अस्पताल में मईमई का इलाज नहीं हो सकता।
मईमई के पिता किसान हैं। आम समय में वह खुद इंकस्टोन बनाकर बेचते हैं, मईमई के पिता ही घर में कमाने वाले हैं। पारिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण मईमई को इलाज के लिए बड़े शहर ले जाना मुश्किल है। बेटी दिन-प्रति-दिन बड़ी हो रही है, लोकिन उसकी शारीरिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। पूरे शरीर में रक्त के अपूर्ण संचार के कारण मईमई की त्वचा का रंग बैंगनी हो चला है। अपनी बेटी की स्थिति बताते हुए मईमई की मां ने कहा:
"पिछले वर्ष वह स्कूल गई थी। लेकिन कई दिनों के बाद उसने अपने पिता से कहा कि वह स्कूल नहीं जाना चाहती। अपने पिता के पूछने पर उसने कहा कि क्लासरूम से टॉयलेट तक का रास्ता बहुत दूर है, और वह वहां नहीं जा सकती।"
इस तरह माता-पिता को मईमई के लिए स्कूल से स्थाई रूप से छुट्टी लेनी पड़ी। लेकिन घर में मईमई की सबसे पसंदीदा चीज़ पढ़ाई ही है। हमारी बातचीत के दौरान मां के पीछे छिपते हुए मईमई ने पढ़ाई वाला वाक्य सुना, तो उसे अचानक बहुत अच्छा लगा। वह मां के पीछे से सामने आकर अपनी आंखों से आंसू पोंछकर अपने छोटे स्कूलबैग में से गणित की पुस्तक निकालती है। फिर एक-एक अंगुठी से गणित करने लगा। जब हमने उससे पूछा कि स्वास्थ्य ठीक होने के बाद वो क्या करना चाहती है?तो मईमई ने बहुत धीमे से कहा कि वह स्कूल जाना चाहती है।