लाब्रांग मठ का दृश्य
उत्तर पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत के कान्नान तिब्बती प्रिफेक्चर की शाहे कांउटी के पश्चिमी भाग में जाशी थान नाम का स्थल है, जहां"फिनिक्स"नाम का एक पर्वत खड़ा है। फ़िनिक्स पर्वत के सामने"ड्रैगन पर्वत"स्थित है। अगर दूर से देखा जाए, तो फ़िनिक्स आकार वाला पर्वत एक उड़ता हुआ स्वर्ण फ़िनिक्स लग रहा है, ऐसा लगता है मानो वह ड्रैगन पर्वत की ओर उड़ रहा हो। साथ ही ड्रैगन के रूप वाला पर्वत जमीन से आकाश में उड़ने वाला ड्रैगन लग रहा है, मानो वह फ़िनिक्स पर्वत की ओर उड़ रहा हो। ड्रैगन और फ़िनिक्स पर्वतों के बीचोंबीच शाहे नदी गुज़रती है, जिससे ये क्षेत्र को दो भागों में बंटा हुआ है, एक भाग आधा-गोलाकार समतल भूमि है। इसे स्थानीय तिब्बती लोग जाशी थान कहते हैं। इसका अर्थ शुभसूचक भूमि है। तिब्बती बौद्ध धर्म का मशहूर मठ, विश्व तिब्बती शास्त्र कॉलेज के नाम से मशहूर लाब्रांग मठ फ़िनिक्स पर्वत की तलहटी में स्थित है, जिसका निर्माण पहाड़ की स्थिति के अनुसार किया जाता है और ये देखने में बहुत शानदार लगता है।
लाब्रांग मठ का निर्माण वर्ष 1709 (यानी चीन में सामंती राजवंश छिंग राजवंश के खांगसी शासन काल) में प्रथम च्यामूयांग जीवित बुद्ध द्वारा किया गया। यह मठ चीनी तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग संप्रदाय(पीली शाखा) के छह प्रमुख मठों में से एक है, बल्कि गेलुग संप्रदाय के उच्चतम बौद्ध शास्त्र का कॉलेज भी है। "लाब्रांग"का उच्चारण तिब्बती भाषा में"लाचांग"से आया, इसका अर्थ है जीवित बुद्ध का विहार। लाब्रांग का निर्माण जाशी थान स्थित फ़िनिक्स पर्वत की तलहटी पर क्यों किया जाता था?इस मठ के बारे में स्थानीय तिब्बतियों में कई प्रथाएं प्रचलित हैं। कहते हैं कि प्रथम च्यामू यांग जीवित बुद्ध अपने शिष्यों के साथ ड्रैगन पर्वत और फ़िनिक्स पर्वत आए। उन्होंने देखा कि यहां का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर है। ड्रैगन और फ़िनिक्स आकार वाले पर्वतों को शुभसूचक प्रतीक माना जाता है। साथ ही यहां की भूमि खजाने के समान लग रही है। इस तरह प्रथम च्यामू यांग जीवित बुद्ध ने इस स्थल पर मठ की स्थापना का निश्चय किया।
लाब्रांग मठ का एक कोना
इस प्रथा के अलावा लाब्रांग मठ के बारे में एक और प्रथा भी प्रचलित है। कहते हैं कि इस मठ का निर्माण प्रथम च्यामू यांग जीवित बुद्ध और एक मंगोलियाई राजा ने एक साथ किया। इसकी चर्चा में कान्नान तिब्बती प्रिफेक्चर के संस्कृतिक संग्रहालय के प्रधान सांगची तुनचू ने जानकारी देते हुए कहा:
"लाब्रांग मठ क्यों यहां निर्मित किया गया है?कहते हैं कि शुरु में उसका निर्माण एक मंगोलियाई राजा और प्रथम च्यामूयांग जीवित बुद्ध ने एकसाथ किया था। एक दिन च्यामूयांग जीवित बुद्ध ने रात को सपने में एक मठ को देखा, जो लाब्रांग में ही खड़ा हुआ है और पहाड़ की स्थिति के अनुसार निर्माण किया गया है। जीवित बुद्ध और मंगोलियाई राजा का विचार बिलकुल एक समान है। इस तरह उन्होंने यहां लाब्रांग मठ का निर्माण करने का निश्चिय किया।"
लाब्रांग मठ के युवा भिक्षु