अतीत के लम्बे अर्से से युन्नान तिब्बती चाय का प्रमुख स्रोत है, दक्षिण युन्नान प्रांत में उत्पादित चाय तिब्बत की ओर जाने वाले चाय घोड़ा रोड के अहम ठिकाने ताली में जमा ली जाती थी, फिर वहां पर तिब्बती जाति के पसंदीदा विशेष चाय पत्थर के रुप में चाय का प्रोसेसिंग किया जाता था, फिर बनी बनायी चाय पत्थर इसी चाय घोड़ा रोड के जरिये तिब्बत में पहुंचायी जाती थी। चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद सरकार ने तिब्बत आदि सीमांत क्षेत्रों में चाय की पर्याप्त सप्लाई की गारंटी के लिये विशेष संस्था की स्थापना के साथ साथ भारी वित्तीय भत्ता जैसी विशेष उदार नीतियां भी निर्धारित की। अब आर्थिक विकास और यातायात में सुधार के चलते युन्नान और भीतरी क्षेत्रों की चाय तेज व सुचारु रुप से तिब्बत आदि अल्पसंख्यक जातियों बहुल क्षेत्रों में पहुंचाय़ी जाती है। अब चाय घोड़ा रोड एक नवीनतम रुप में भीतरी इलाकों व अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों के खूनी रिश्ते को घनिष्ट रुप से जोड़ देता है। युन्नान प्रांत के फूअड़ चाय संघ के महा सचिव चू ची आन ने कहा:"चीन में एक रेश्मी रोड और एक चाय घोड़ा रोड ने भीतरी इलाकों व सीमांत क्षेत्रों, सीमाओं और जातियों के बीच सम्पर्क को जोड़ दिया है। इसलिये चाय घोड़ा रोड चाय, घोडों और भिन्न भिन्न प्रकार वाले मालों का सौदा ही नहीं, बल्कि वह जातीय सामंजस्य, जातीय एकता, सीमांत स्थिरता और जातीय संस्कृतियों के बीच आपसी आदान प्रदान और मेल मिलाप को बढावा देने वाला प्रशस्त रास्ता भी है।"