समद्र की सतह से उच्च ऊंचाई पर स्थित तिब्बत में सूरज की रोशनी में यूवी अत्यंत तीव्र है, जिस से आसानी से व्यक्तियों की आंखों को नुकसान पहुंच जाता है, इसलिये हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में मोतियाबिंद रोग का खूब बोलबाला है। समुद्र की सतह से उच्च ऊंचाई पर स्थित क्षेत्र की विशेष स्थिति को ध्यान में रखकर बरुनो ने अपने दल के साथ स्थानीय वासियों के आंख रोगों की रोकथाम व उपचार को प्राथमिकता पर दे दिया है । बरुनो ने इस का परिचय देते हुए कहा:"हम हर वर्ष शिकाजे प्रिफेक्चर की करीब दस कांऊटियों के अस्पतालों में दस मोबाइल आँपरेटिंग कमरे स्थापित करते हैं। इन क्षेत्रों में मोतियाबिंद रोग की वजह से कुछ लोगों की आंखें फूट पड़ी हैं, लेकिन स्थानीय अस्पतालों में आंखों का आँपरेशन करने का उपकरण नहीं है। इसलिये हम संबंधित उपकरण लिये रोगियों का आँपरेशन करने गांव गांव जाते हैं। ये सभी आँपरेशन मुफ्त में किया जाता है, हम हर वर्ष लगभग एक हजार सर्जरी करते हैं, प्रशंसनीय बात है कि अधिकतर सर्जरी मुख्यतः तिब्बती सर्जन करते हैं।"